बीआरओ का मिशन रोहतांग शुरू

By: Feb 21st, 2020 12:22 am

गुरुवार को सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने मशीनों की पूजा कर शुरू किया दर्रे की बहाली का कार्य

मनाली – बीआरओ ने गुरुवार को मिशन रोहतांग पर काम शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह सीमा सड़क संगठन के जवानों ने गुलाबा में पहुंच मशीनों की पूजा कर जहां बर्फ हटाने का काम शुरू किया, वहीं बीआरओ ने इस बार दर्रे को रिकार्ड समय में बहाल करने का लक्ष्य रखा है। गत चार माह से दर्रे की बहाली का इंतजार कर रहे लाहुल-स्पीति के लोगों ने जहां गुरुवार को राहत की सांस ली, वहीं बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मौसम ने अगर उनका साथ दिया तो एक माह के भीतर सीमा सड़क संगठन के जवान रोहतांग दर्रे को बहाल कर देंगे। उल्लेखनीय है कि रोहतांग दर्रे को फतह करने के लिए बीआरओ ने गुरुवार सुबह मिशन रोहतांग पर काम शुरू कर दिया है। रोहतांग दर्रे के दोनों छोर पर जहां सीमा सड़क संगठन के जवानों को तैनात किया गया है, वहीं दर्रे की बहाली को अंजाम देने के लिए बीआरओ ने दो टीमों को दर्रे के दोनों छोर पर तैनात किया है। एक टीम मनाली की तरफ से राहला फाल से होते हुए रोहतांग की तरफ बर्फ हटाते हुए बढ़ेगी, वहीं दूसरी टीम कोकसर की तरफ से बर्फ हटाना शुरू करेगी। दोनों टीमों के जवानों को जहां बर्फ हटाने के आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं, वहीं इस बार बीअरओ  के पास बर्फ के पहाड़ को काटने के लिए नई मशीने पहुंच गई हैं। बीआरओ के कमांड कर्नल उमा शंकर ने बताया कि गुरुवार को सीमा सड़क संगठन के जवानों ने मिशन रोहतांग पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि रोहतांग दर्रे की बहाली के लिए बीआरओ ने मास्टर प्लान तैयार किया है और उसके तहत इस बार काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दर्रे के दोनों छोर पर तैनात जवानों को बर्फ हटाने के लिए नई मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं, वहीं उन्हें उम्मीद है कि मौसम ने अगर उनका साथ दिया तो रोहतांग दर्रे को बीआरओ रिकार्ड समय में बहाल करेगा। यहां बतादें कि रोहतांग दर्रे के बंद हो जाने के बाद जहां लाहुल के लोग घाटी में कैद होने पर मजबूर हैं, वहीं घाटी से बाहर जाने के लिए प्रदेश सरकार का हेलिकाप्टर  ही एक मात्र साधन है। ऐसे में बीआरओ द्वारा गुरुवार से शुरू किए गए रोहतांग दर्रे की बहाली के कार्य को लेकर जहां कबायलियों में खुशी का माहोल है, वहीं अब लाहुल के लोगों को उस दिन का बेसबरी से इंतजार है, जब बीआरओ रोहतांग दर्रे को वाहनों के लिए बहाल कर देगा। रोहतांग दर्रे के बंद होने के बाद लाहुल-स्पीति में रह रहे लोगों की दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। लोगों को रोहतांग दर्रा पैदल पार कर घाटी से बाहर पहुंचना पड़ता है, लेकिन इस बार कुछ समय के लिए जहां प्रदेश सरकार के आग्रह पर बीआरओ ने निर्माणाधिन अटल टनल से लोगों की आवाजाही करवाई थी, वहीं अब सीमा सड़क संगठन के जवानों द्वारा मिशन रोहतांग पर काम शुरू कर देने से जल्द ही लाहुल की दिक्कतें भी दूर होंगी।

क्या कहते हैं बीआरओ कमांडर

उधर, बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर का कहना है कि बीआरओ ने गुरुवार को मिशन रोहतांग पर काम शुरू कर दिया है। रोहतांग दर्रे के दोनों छोर पर दो टीमों को तैनात किया गया है। मौसम ने अगर साथ दिया तो एक माह के भीतर रोहतांग दर्रे को बहाल कर दिया जाएगा।


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