भागा आलस का भूत

By: Feb 19th, 2020 12:20 am

अमन ने एक सपना देखा कि उसे नन्हें-नन्हें से प्राणी चारों ओर से घेरे खड़े हुए हैं। उन्हें देखकर अमन की आंखें आश्चर्य से फटी रह गईं। उसने पूछा आप लोग कौन हैं। उन नन्हें प्राणियों में से एक ने जवाब दिया, हम सब देवदूत हैं। सुनकर अमन को आश्चर्य हुआ…

अमन वैसे तो कुसाग्र बुद्धि का बच्चा था, लेकिन स्वभाव से बहुत आलसी था। उसके इस आलसी स्वभाव के कारण उसके माता-पिता हमेशा चितिंत रहते थे। वे सोचते थे कि अमन पढ़ाई में तो तेज है, लेकिन उसका आलस उसकी उन्नति के मार्ग में बाधा है। ऐसा नहीं कि अमन को अपने इस स्वभाव का पता नहीं था। मगर वह आदत से मजबूर था। चाह कर भी वह अपने आलस स्वभाव को छोड़ नहीं पता था। एक दिन अध्यापक ने क्लास में होमवर्क करने को दिया, घर आकर अमन पहले तो कुछ देर के लिए सुस्ताया फिर दोस्तों के साथ खेलने निकल गया। घर लौटा तो उसे होमवर्क की याद आई, बुझे मन से उसने होमवर्क करना शुरू कर दिया और उसे बैठे-बैठे ही नींद आ गई। उसने एक सपना देखा कि उसे नन्हें-नन्हें से प्राणी चारों और से घेरे खड़े हुए हैं। उन्हें देखकर अमन की आंखें आश्चर्य से फटी रह गईं। उसने पूछा आप लोग कौन हैं। उन नन्हें प्राणियों में से एक ने जवाब दिया, हम सब देवदूत हैं। सुनकर अमन को आश्चर्य हुआ। किस्से कहानियों में मैंने देवदूतों की बात पढ़ी हैं, लेकिन इतने नन्हें देवदूतों के बारे में मैंने कभी नहीं पढ़ा देवदूत ने जवाब दिया, हम चुपचाप काम करते हैं और अपने देश में तो हम अदृश्य रहते हैं। सुनकर अमन को बड़ा अजीब लगा, कौन देवदूत पर चलो आप कह रहे हैं, तो मान लेता हूं। देवदूत बोला हम बच्चों की मदद करते हैं। ताकि वे जीवन में आगे बढ़ें और अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन करें। अमन बोला, मगर आप मेरी किस तरह से मदद करना चाहते हैं। जवाब में देवदूत बोला। हम तुम्हारा आलस भगाना चाहते हैं, जो तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु है। अमन बोला हां मेरे माता-पिता भी मुझे आलसी कहते हैं। कि किसी भी काम को करने में मुझे आलस आता है। पर आप लोगों के पास क्या जादुई छड़ी है। नहीं देवदूत बोला- हम मेहनती बच्चों की शक्ति और प्रेरणा से ही काम करते हैं। सुनकर घोर आश्चर्य से भर उठा अमन बोला, मेहनती बच्चों की शक्ति और प्रेरणा से ही आप करते हैं। यह बात मेरे कुछ पल्ले नहीं पड़ी। देवदूत बोला, इस ब्राह्मंड में सभी कुछ विज्ञान के सिद्धातों पर ही आधारित है। तुमने आज की अविनाशिता का नियम पढ़ा होगा। ऊर्जा का कभी विनाश नहीं होता वह बस एक रूप से दूसरे रूप में बदलती रहती है। मेहनती बच्चे जब अपना श्रम बिंदु बहाते हैं, तो उसमें लगी ऊर्जा बेकार नहीं जाती है। वह हम तक पहुंचती है। इसी ऊर्जा से ही हमें प्रेरणा मिलती है। और हम तुम जैसे बच्चों को बुरी आदतों को छुड़ाकर उनमें सद्गुणों का विकास करने के लिए अपने मुहिम पर निकल पड़ते हैं। देवदूत की बातों को सुनते हुए अमन ने बड़े ध्यान से कहा सचमुच प्रकृति के इतने बड़े वैज्ञानिक चक्र का तो मुझे पता ही नहीं था। मेहनती बच्चों के परिश्रम में लगी ऊर्जा बेकार न होकर इस तरह से इतने बच्चों के काम आ सकती है। इस बारे में जानकर मैं अभिभूत हुआ। मैं वादा करता हूं कि आगे से आलस करना दोड़ दूंगा खूब मेहनत करूंगा। अमन की बात सुनकर सभी देवदूतों ने ताली बजाई। अचानक मां को सामने देखकर अमन सकपका सा रहा गया। मां ने पूछा क्या बात है अमन बैठे-बैठे ताली क्यों बजा रहे हो। मां आश्चर्यचकित होकर अमन का चेहरा एकटक देखती रही। उन्हें यह किसी चमत्कार से कम नहीं लगा, लेकिन इस प्रकट में कोई टिप्पणी न कर वह बस इतना बोली,  मैं अभी तुम्हारे लिए नाश्ता और दूध लेकर आई। तुम तब तक अपना होम वर्क कर लो। हां मां अभी जल्दी-जल्दी अपना होम वर्क निपटता हूं। मां ने कुछ नहीं कहा। समझ गई कि अमन के आलस का भूत अब भाग गया।


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