मंत्रिमंडल विस्तार से बड़ा धमाका होगा फेरबदल में

By: Feb 26th, 2020 12:07 am

शिमला –जयराम  सरकार  के मंत्रिमंडल विस्तार से बड़ा धमाका मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का होगा। इसके चलते कैबिनेट एक्सपेंशन से बड़ा सस्पेंस रीशफलिंग को लेकर बन गया है। खासकर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को विधानसभा अध्यक्ष की सौंपी गई नई जिम्मेदारी के बाद अब हिमाचल के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। मौजूदा कैबिनेट में मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद मिनिस्टर रहे विपिन सिंह परमार की भूमिका बदलने से अब यह तय हो गया है कि सभी मंत्रियों के विभागों में सुनामी आना तय है। हालांकि चर्चा है कि कांगड़ा के एक और मंत्री को ड्रॉप करने की रणनीति बन रही है। यही वजह है कि जयराम के शेष बचे मंत्रियों की धुकधुकी बढ़ने लगी है। इस कारण सरकार के मंत्रियों से लेकर संतरियों तक सभी की निगाहें कैबिनेट विस्तार पर टिक गई हैं। इसी बीच भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने अपने पदाधिकारियों की पहली बैठक 27 फरवरी को पीटरहॉफ में बुलाई है। गुरुवार शाम छह बजे प्रस्तावित इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के उपस्थित रहने की प्रबल संभावना है। पार्टी सुप्रीमो का 27 को सोलन के ठोडो मैदान में अभिनंदन समारोह है। इसके बाद वह सीधे शिमला आएंगे और अगले दिन अपने गृह जिला बिलासपुर का रुख करेंगे। उम्मीद है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस शिमला प्रवास में मंत्रिमंडल के विस्तार एवं फेरबदल पर कुछ हद तक स्थिति स्पष्ट हो सकती है। फिलहाल अब मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अजीबोगरीब स्थिति बन गई है। सत्र के बीच मंत्रिमंडल का विस्तार आसान नहीं है और इसके बिना बात भी बनती नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास अब कई विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। डेढ़ साल तक सरकार में मंत्री रहे किशन कपूर, अनिल शर्मा और अब विपिन सिंह परमार के विभाग भी मुख्यमंत्री को देखने पड़ रहे हैं। इसके चलते सदन के भीतर दर्जनों विभागों के सवालों का जवाब देना आसान नहीं होगा। इस स्थिति में नए मंत्रियों की ताजपोशी के चलते यकायक उनकी भी विभागों पर पकड़ व प्रस्तुति को लेकर संशय है। बहरहाल सरकार और संगठन के अलग-अलग पाले में झूल रही भाजपा के लिए 27 फरवरी की बैठक भी अहम है। जाहिर है कि डा. बिंदल की नई टीम में संगठन मंत्री पवन राणा का प्रभाव प्रचंड हिलोरे ले रहा है। हालांकि राष्ट्रीय राजनीति में लंबे समय से सक्रिय त्रिलोक कपूर की स्टेट पोलिटिक्स में लैंडिंग से भाजपा को जरूर लाभ मिलेगा। खासकर किशन कपूर के सांसद निर्वाचित होने के बाद इस गद्दी बहुल क्षेत्र में त्रिलोक कपूर की एंट्री से भाजपा जातीय समीकरणों को भेदने में कामयाब हुई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल को पार्टी में बड़ा दायित्व मिलने से युवा ब्रिगेड को एनर्जी मिलेगी। संगठन की कार्यशैली को बेहद करीबी से देखने वाले त्रिलोक जम्वाल के रूप में भी पार्टी को अनुशासित नेता मिला है। पार्टी उपाध्यक्षों में प्रवीण शर्मा और कृपाल परमार के रूप में अनुभवी लोग हैं। बावजूद इसके पार्टी कार्यकर्ता बिंदल की नई टीम में मीन-मेख निकाल रहे हैं।


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