महापुरूष करवाते हैं सत्य के दर्शन

श्री राम मंदिर शिमला में साध्वी पूनम ने की प्रवचनों की बौछार

शिमला –महापुरुष जब धरती पर आते हैं तो उनका एकमात्र लक्ष्य होता है परम सत्य के साक्षात्कार से जन-जन को अवगत करवाएं। यह बात साध्वी पूनम भारती ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से श्री राम मंदिर शिमला में एकदिवसीय कार्यक्रम के आयोजन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि महापुरूष जीवन पर्यंत इस कार्य के लिए तत्पर रहते हैं ब्रह्मविद्या के द्वारा व्यक्ति के भीतर स्थित अविनाशी आत्मा को उसे प्रत्यक्ष दिखा देना यही वह संजीवनी औषधि है, जिससे वे जन समाज को उनके पाप ताप नष्ट करने की विधि बताते हैं। साध्वी ने बताया कि प्रभु का वास इंट, पत्थर से बनी इमारतों में नहीं है उनका वास तो उस हृदय में है, जो श्रद्धा भाव से युक्त है, जो मानव को मानवता के गुणों से भर देता है उसमें प्रेम, सौहार्द, करुणा के भावों को जागृत कर देता है, ईश्वर निष्पक्ष है, सब पर समान प्रेम और करुणा लुटाने वाला परम पिता। हमारे जीवन का उद्देश्य उसी परमपिता को यानी ईश्वर को प्राप्त करना है, जिस तरह से एक बालक स्कूल में विद्या प्राप्त करने के लिए जाता है, लेकिन अगर वह बालक स्कूल में विद्या प्राप्त न करे, मात्र खेलकूद में अपने समय को लगाए तो उसका स्कूल में जाने का कोई औचित्य नहीं है, ठीक इसी प्रकार से यदि मानव इस संसार रूपी स्कूल में आकर प्रभु के नाम की पढ़ाई नहीं करता भाव के उस परमात्मा का साक्षात्कार नहीं करता तो उसका इस संसार रूपी स्कूल में आने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए शास्त्र कहते हैं कि हे मानव इस जीवन के रहते उस प्रभु की प्राप्ति कर ले, जिससे आवागमन के चक्र से तू मुक्त हो सके।