मालिकाना हक को सड़क पर चकौता धारक

By: Feb 25th, 2020 12:16 am

शिमला में किया शांतिपूर्वक प्रदर्शन; मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी, लेकर रहेंगे अपना हक

शिमला-हिमाचल में सालों से भूमि के मालिकाना हक की मांग कर रहे चकौता धारक एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। लघु किसान कल्याण एकता के बैनर तले सोमवार को प्रदेश भर से चकौता धारकों ने शिमला के लिफ्ट से टॉलैंड तक एक रैली निकाल कर राज्य सरकार से भूमि का मालकिना हक देने की मांग उठाई। चकौता धारकों  का आरोप है कि काफी समय से राज्य सरकार से उक्त मांग उठाई जा रही है, मगर सरकार उनकी मागों को नजरअंदाज की रही है। चकौता धारकों ने सरकार को मांगें पूरी न करने पर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतवानी दी है। चकौता धारकों का आरोप है कि कई सालों से हजारों लघु किसान भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं, मगर सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। लघु किसान कल्याण एकता के प्रदेश महासचिव रॉबर्ट रॉय ने कहा कि प्रदेश में कई सालों से मालिकाना हक के लिए लघु किसान लड़ाई लड़ रहे हैं, मगर भाजपा व कांगे्रस दोनों की सरकारों ने किसानों के हक में फैसला नहीं लिया। महासचिव ने कहा कि राज्य में 20 हजार से अधिक चकौता धारक हैं और सरकार से भूमि के मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पांच बीघा तक मालिकाना हक दे रही है, मगर  उसमें काफी त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वर्षों की मेहनत से भूमि अर्जित करने वाले किसानों को 20 बीघा भूमि का हक नहीं दे रही है। महासचिव रॉबर्ट रॉय ने कहा कि राज्य के गठन से पहले पंजाब सरकार की पंचायतों की ओर से दी गई भूमि पर किसान खेती करता आ रहा है। यह भूमि किसानों को दी गई थी, जिनके पास कृषि भूमि नहीं थी, मगर कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इन किसानों के नाम जमीन नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में शांतिपर्वूक प्रदर्शन किया जा रहा है, मगर आगामी दिनों में अगर मांग पूरी नहीं की गई, तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा।


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