मुकेश के आरोपों पर बौखलाया सत्तापक्ष

By: Feb 28th, 2020 12:05 am

पहले भारद्वाज, फिर महेंद्र और बाद में विक्रम ठाकुर से तकरार

शिमला – विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को राज्यपाल अभिभाषण पर सत्तापक्ष पर ऐसे निशाने साधे की सरकार के मंत्री बौखला गए। एक के बाद एक तीन मंत्री उनके निशाने पर आए, जिससे सदन में तीखी बहस हुई। पहले सुरेश भारद्वाज फिर महेंद्र सिंह और बाद में विक्रम ठाकुर उनके निशाने पर रहे। एक-दूसरे पर वार-पलटवार के दौरान बहसबाजी में नेता अपना आपा तक खो गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन गया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि फर्जी डिग्रियों के मामले में सरकार निजी विश्वविद्यालयों का बचाव कर रही है, जबकि यहां के बच्चों की डिग्रियों को संदेह से देखा जा रहा है। मेधावियों की स्कॉलरशिप नहीं दी जा सकी है कयोंकि यहां पर स्कॉलरशिप घोटाला हुआ है। पुलिस भर्ती में कई सवाल खड़े हुए हैं, वहीं पटवारी भर्ती परीक्षा सीबीआई के पास है। सचिवालय में गैर हिमाचलियों की भर्ती की जा रही है। उनके आरोपों में दूसरा महकमा जलशक्ति विभाग रहा, जिनके मंत्री महेंद्र सिंह को घेरते हुए मुकेश ने कहा कि उन्होंने करोड़ों रुपए के प्रोजेक्टों के सब्जबाग जनता को दिखा दिए, मगर वास्तव में फूटी कौड़़ी तक नहीं मिल पाई। उन्होंने पूछा कि 10330 करोड़ की बाह्य वित्त पोषित योजनाओं का पैसा कहां है, इसका कंसेप्ट नोट क्यों पूरा नहीं हुआ, ब्रिक्स परियोजना  का क्या हुआ, वहीं 1288 करोड़ के बाढ़ नियंत्रण प्रोजेक्ट का क्या हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि एडीबी, हिमाचल से आगे कोई भी करार  करने से इनकार कर चुकी है। इस पर उन्होंने दस्तावेज को सदन में रखने का दावा किया, जिसे लेकर महेंद्र सिंह भी भड़क उठे। महेंद्र सिंह ने जाली दस्तावेज होने का आरोप लगाया, जिनका कहना था कि बोलने से पहले दस्तावेज सदन में रखने पड़ते हैं। बहस के दौरान उन्होंने मुकेश को कहा कि वह नियमों को पढ़ें, क्योंकि आज उन्होंने अपने पद की गरिमा को गिरा दिया है। इस पर मुकेश ने कहा कि यदि वह झूठ बोल रहे हैं, तो सत्तापक्ष उनके खिलाफ प्रीवलेज मोशन ला सकती है। दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त बहस हुई और इस दौरान सत्तापक्ष व विपक्ष आमने-सामने आ गया। मुकेश ने जल जीवन मिशन को लेकर कहा कि 2373 करोड़ रुपए की स्वीकृति कहां पर है, सरकार बताए। मात्र 150 से 200 करोड़ रूपए मिले हैं जबकि टेंडर 2500 करोड़ के लगा दिए हैं। इस पर योजना विभाग ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट शिवा और बागबानी परियोजना को लेकर भी कटाक्ष किए और कहा कि इनकी सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी।  उन्होंने सरकार से पूछा कि मंडी के हवाई अड्डे का क्या हुआ क्योंकि इसके लिए सरकार के पास पैसे का इंतजाम नहीं हुआ है। ऊना-हमीरपुर रेललाइन को पैसा देने से इनकार कर दिया है, वहीं 69 नेशनल हाई-वे की घोषणा की गई थी, वह कहां गई, फोरलेन में चार गुना मुआवजा क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने टूरिज्म सेक्टर में हिमाचल को बेचने का आरोप जड़ा और कहा कि उनको लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दे दी गई है। रिलायंस को 700 रुपए प्रति खंभे की दर से बिजली का खंभा बेचा गया है, वहीं ट्रिब्यूनल को विस्तार देने के वादे के विपरीत उसे बंद कर दिया गया। उन्होंने अवैध खनन के आरोप जड़े तो उद्योग मंत्री विक्रम सिंह के साथ उनकी बहस हो गई।

महेंद्र बोले, हाउस में रखने होते हैं दस्तावेज

जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने पद की गरिमा को नीचे ला चुके हैं। कागज लहराने से कुछ नहीं होता, दस्तावेज हाउस में रखने होते हैं। विपक्ष के नेता को यह पता ही नहीं है कि बाह्य वित्त पोषित प्रोजेक्टों के लिए पैसा कैसे मिलता है। मंत्रालय से किस तरह से मंजूरी लेनी होती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App