मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना बनी वरदान

कुल्लू – प्रदेश भर में बेसहारा पशुओं के कारण जहां किसानों ने खेती करना छोड़ दिया था, वहीं उन किसानों के लिए अब मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना उम्मीद बनकर आई है। योजना के माध्यम से किसान अपने खेतों में फेंसिंग कर फसलों को पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने लगे हैं, वहीं मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत जिला कुल्लू में अब किसानों को बेसहारा पशुओं के कारण खेती में नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। प्रदेश सरकार की ओर से अब बेहतर ढ़ग से किसानों की फसलों की सुरक्षा करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से अब आधुनिक ढ़ग से मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत कई स्कीमों का लाभ किसानों को दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सोलर एनर्जी से बनाई गई फेंसिंग का सुरक्षा कवच फसलों की हिफाजत करेगा, वहीं जिला कुल्लू में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सैकड़ों किसान इस योजना से लाभान्वित होे रहे हैं। कुल्लू जिला में वर्ष 2019-20 के लिए 3.50 करोड़ रुपए की अनुदान राशि आबंटित कर किसानों-बागबानों को जंगली जानवरों व बेसहारा पशुओं के आतंक से बचाया जा रहा है। प्रदेश सरकार की योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। कृषि विभाग इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत फेनसिंग  को कंपनी  की ओर से इंस्टॉल करवा रहा है। कृषि विभाग द्वारा इस पर सबसिडी भी रखी गई है। किसानों का कहना है कि इस योजना के तहत प्रदेश सरकार उन्हें 80 फीसदी तक अनुदान उपलब्ध करवा रही है। कृषि विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डा. राजपाल शर्मा का कहना है कि इस योजना के तहत कुल्लू जिला में किसानों को 3.50 करोड़ की अनुदान राशि वितरित की गई है। योजना के माध्यम से जिला कुल्लू के पांच ब्लॉकों के किसानों ने फायदा उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योजना का लाभ लेना चाहते हैं वह किसान कृषि विभाग के पास अपना आवेदन करवाएं, ताकि आगामी माह में उनके लिए भी बजट का प्रावधान किया जा सके। गौर रहे कि प्रदेश में बेसहारा पशुओं के कारण किसानों को अपनी फसलों में खासा नुकसान उठाना पड़ रहा था। ऐसे में अब मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत किसान अपनी फसलों को बचा पा रहे हैं और प्रदेश में किसान एक बार फिर से खेती की ओर अपना रुझान दिखाने लगे हैं।