मेडिकल कालेज नाहन में पुरानी मशीनों से टेस्ट

By: Feb 19th, 2020 12:20 am

चार वर्ष में नहीं आ पाई नई मशीनें व तकनीकी स्टाफ, लोगों को टेस्ट करवाने को निजी अस्पतालों का करना पड़ रहा रुख

नाहन –सिरमौर जिला के नाहन स्थित प्रदेश के सरकारी क्षेत्र के तीसरे बड़े मेडिकल कालेज डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल अभी सिरमौर जिला के लोगों की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। मेडिकल कालेज में हालत यह है कि पुराने भवन में चल रही व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ रही है। अब जब मेडिकल कालेज के भवन का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है तो पुराने भवनों को तोड़ने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। ऐसे में मेडिकल कालेज प्रशासन के व्यवस्था बनाने में हाथ पांव फुल रहे हैं। मेडिकल कालेज की यदि मुख्य लैब की बात की जाए तो अभी भी मेडिकल कालेज की प्रयोगशाला में वर्षों पुरानी मशीनों से टेस्ट की प्रक्रिया चल रही है। मेडिकल कालेज खुलने के बाद करीब चार वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी है, परंतु मेडिकल कालेज की लैब में कोई भी नहीं मशीनरी नहीं आई है। जिस कारण प्रतिदिन लैब में टेस्ट करवाने वाले सैकड़ों मरीजों को निजी प्रयोगशालाओं के हाथों महंगी दरों में लुटना पड़ रहा है। गौर हो कि मेडिकल कालेज नाहन वर्ष 2016 में आरंभ हुआ था। वर्तमान में यहां पर करीब 400 एमबीबीएस के प्रशिक्षु चिकित्सक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। मेडिकल कालेज खुलने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या में करीब अढ़ाई गुणा इजाफा हो चुका है। ऐसे में सैकड़ों की संख्या में मरीज विभिन्न प्रकार के मेडिकल से संबंधित टेस्ट प्रतिदिन करवाते हैं। मेडिकल कालेज में अभी भी जिला अस्पताल के समय की पुरानी मशीनरी से ही काम चलाया जा रहा है। पुरानी तकनीक व पुरानी मशीनों के कारण व्यवस्था नहीं बन पा रही है, जिसके चलते अधिकांश मरीज निजी प्रयोगशाला में टेस्ट करवाने को मजबूर हैं। मेडिकल कालेज नाहन की लैब में न तो बायोकैमिस्ट्री एनेलाइजर, न ही सैल सेंटर व इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर उपलब्ध है। इसके अलावा थॉयरायड के टेस्ट भी मेडिकल कालेज की लैब में नहीं हो रहे हैं। लैब में मेडिकल कालेज खुलने के बाद नया तकनीकी स्टाफ भी नहीं आया है। यहां तक कि मेडिकल कालेज की प्रयोगशाला में कल्चर टेस्ट भी नहीं हो रहे हैं। गौर हो कि मेडिकल कालेज खुलने के बाद यहां पर प्रतिदिन की ओपीडी करीब साढ़े 1200 के आसपास पहुंच चुकी है। मेडिकल कालेज की लैब में केवल साढ़े नौ बजे से 12 बजे तक के सैंपल व टेस्ट लिए जाते हैं, जबकि शेष अवधी में मरीजों को निजी लैब के हाथों भारी भरकम शुल्क अदा कर अपने टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं।

पुराने भवन में चलाई जा रही ओपीडी

डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन को खुले चार वर्ष की अवधि पूरी होने को है। प्रयोगशाला व विभिन्न विभागों के अलावा ओपीडी भी पुराने भवन में ही चल रही है। पुस्तकालय भी पुरानी ओपीडी की बेसमेंट में चलाया जा रहा है। डाक्टरों के लिए भी बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जबकि पैरा मेडिकल स्टाफ भी एक पांव पर बैठकर ही ड्यूटी कर  रहे हैं।


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