युवाओं से नशे की लत छुड़वाएगी गुंजन

नयनादेवी मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से एकीकृत पुनर्वास केंद्र खोलने का लिया फैसला, 17 लाख का बजट जारी

बिलासपुर –नशे की आदत में पड़कर अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे देश के कर्णधारों को इस लत से बाहर निकालने के लिए प्रदेश की नामी एनजीओ गुंजन अहम भूमिका निभाएगी। जिला बिलासपुर प्रशासन ने नयनादेवी मंदिर ट्रस्ट के सहयोेग से स्वारघाट में इंटिग्रेटेड रिहेबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स (आईआरसीए) यानी नशेडि़यों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए 17 लाख चार हजार रुपए के बजट का प्रावधान है। स्वारघाट में मिड हिमालयन परियोजना के भवन या फिर राजस्व विभाग के आधे-अधूरे भवन को टेक ओवर करने पर विचार चल रहा है। इनमें से किसी एक पर सहमति बनने के बाद यह सेंटर शुरू होगा। जानकारी के मुताबिक नशा करने वालों को सुधारने की दृष्टि से शुरू किए जाने वाला यह सेंटर 15 बेड का होगा। इसका संचालन प्रदेश की नामी गुंजन एनजीओ करेगी। योजना का क्रियान्वयन जिला कल्याण विभाग के माध्यम से होगा। बिलासपुर जिला में भी इंटिग्रेटेड रिहेबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने की योजना है, जिसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। इसके तहत बजट का प्रावधान मंदिर न्यास नयनादेवी से किया गया है। स्वारघाट में इस सेंटर की स्थापना  के लिए बाकायदा मिड हिमालयन परियोजना के भवन को टेकओवर किया जाएगा। हालांकि इस बाबत वन विभाग के साथ वार्ता जारी है सहमति बनने के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही स्वारघाट में ही राजस्व विभाग के आधा-अधूरा भवन भी उपलब्ध है, जिसका कार्य पूरा करने के लिए जिलाधीश ने संबंधित विभाग को विशेष निर्देश जारी कर रखे हैं।  जरूरत पड़ने पर इसे भी टेकओवर किया जा सकता है। उधर, जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने बताया कि एसडीएम स्वारघाट सुभाष गौतम और जिला कल्याण अधिकारी डा. संजीव कुमार शर्मा को ज्वाइंट इंस्पेक्शन कर रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए कहा गया है।