रिवर्स ब्रीदिंग के फायदे

By: Feb 15th, 2020 12:18 am

जब बात एक्सरसाइज की आती है, तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि जिम में जाकर वर्कआउट करना, रनिंग, साइक्लिंग, स्वीमिंग या फिर इस तरह की कोई भी एक्टिविटी, जिसमें ज्यादा मेहनत लगे, वही एक्सरसाइज है। लेकिन ऐसा नहीं है, एक जगह शांति से बैठकर ब्रीदिंग करना भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है और अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहते हैं, तो आपको रोजाना ब्रीदिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसी ही एक एक्सरसाइज है रिवर्स ब्रीदिंग। रिवर्स ब्रीदिंग नॉर्मल ब्रीदिंग से अलग है और इसलिए इसे ‘योगिक ब्रीदिंग’ भी कहा जाता है। श्वास के दोनों प्रकारों में डायाफ्राम का उपयोग किया जाता है, लेकिन पेट की गति अलग होती है। रिवर्स ब्रीदिंग में सांस लेना और सांस छोड़ना दोनों के समन्वय में पेट के विपरीत मूवमेंट को शामिल किया जाता है। दिलचस्प बात ये है रिवर्स ब्रीदिंग का उपयोग लगभग हम सभी अनजाने में करते हैं, जैसे गुब्बारे में हवा भरने में, भारी वस्तुओं को धक्का देते समय, जब घबराहट होती है और जब हमें डर लगता है तब। आज हम आपको यह बताएंगे कि रिवर्स ब्रीदिंग एक्सरसाइज रोज करना क्यों जरूरी है…

रोज 15 मिनट के लिए ऐसे करें रिवर्स ब्रीदिंग

अपने दोनों पैरों को एक के ऊपर एक करके एक साथ जमीन पर आराम से बैठ जाएं। 2 अपने दोनों हाथों को पेट के निचले हिस्से पर एक दूसरे के ऊपर रखें। अंगूठा नाभि को छूना चाहिए। अब श्वास अंदर लें और धीरे से अपने पेट को अपनी रीढ़ की हड्डी की ओर खींचें। 2 अब जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपने पेट को स्वाभाविक रूप से बाहर की ओर छोड़ दें। इसी प्रक्रिया को 5-7 बार दोहराएं।

फेफड़ों के लिए है फायदेमंद

फेफड़ों में जितना संभव हो उतनी अधिक हवा भर लें। इसके बाद आपको रिवर्स ब्रीदिंग करनी है। इस ब्रीदिंग टेक्नीक से फेफड़ों तक ज्यादा हवा पहुंचती है,जिससे फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता बेहतर होती है। एथलीटों के लिए इस तरह की सांस लेना मददगार है, क्योंकि शरीर के बाकी हिस्सों को सहारा देने के लिए फेफड़ों को पर्याप्त ऊर्जा और विस्तार की जरूरत होती है। जिन लोगों को मुंह से सांस लेने की आदत है उनके लिए इस तरह की ब्रीदिंग और फायदेमंद है।

आंतरिक अंगों के लिए भी है अच्छी

आंतरिक अंगों के बेहतर पाचन या बेहतर कामकाज के लिए रिवर्स ब्रीदिंग बहुत अच्छी है। ये प्रत्येक सांस के साथ पेट की मांसपेशियों को कसने और हर सांस छोड़ने के साथ शरीर से हानीकारक बैक्टीरिया और वासरस को बाहर करने में मदद करती है। रिवर्स ब्रीदिंग से ज्यादा मात्रा में आक्सीजन हमारे शरीर में पहुंचती है।

मेडिटेशन के लिए

रिवर्स ब्रीदिंग मेडिटेशन में भी मदद करती है, क्योंकि इससे शरीर में ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है और छात्रों को ध्यान में इस ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सिखाया जा सकता है। अगर आप अधिक बार बीमार पड़ रहे हैं,तो तनाव एक कारण हो सकता है। तनावग्रस्त रहने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और आप काफी आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। उल्टा श्वास आपके मन को शांत करता है, तनाव को कम करता है और आपको स्वस्थ रखता है।

पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है

रिवर्स श्वास आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है। जब आप सांस लेते हैं, तो आपके पेरिनेम की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और जब आप सांस छोड़ते हैं, तो ये मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं। साथ ही साथ आपके पेट की मांसपेशियों को बाहर और नीचे की ओर ले जाता है। ये एक्सरसाइज पूरी तरह आपके पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद है। इस एक्सरसाइज को करने से आप फिट रहते हैं।


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