रोज 6.42 घंटे पढ़ाने के साथ एक्स्ट्रा काम भी करना होगा

शिक्षा विभाग ने कालेज प्रोफेसर्ज के लिए बनाया नया प्रोपोजल

शिमला – कालेज प्रोफेसर्ज के लिए अच्छी खबर नहीं है। पांच घंटे से ज्यादा काम न करने की बात कहने वाले शिक्षकों को अब एक घंटा ज्यादा कालेज में रहना पड़ सकता है। इसी के साथ हफ्ते में कई घंटे का एक्स्ट्रा कार्य भी करना होगा। कालेज प्रोफेसरों के विरोध के बीच शिक्षा विभाग ने नया प्रोपोजल तैयार किया है, जिसमें 6.42 घंटे कालेज प्रोफेसर्ज को हर दिन पढ़ाना होगा। इसके साथ कालेज प्रबंधन हफ्ते में छह घंटे कालेज प्रोफेसर को अतिरिक्त कार्य सौंप सकता है। इसके साथ सरकार के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग ने यह भी प्रोपोजल बनाया है कि गैर शिक्षक कर्मचारी भी हर दिन कम से कम छह घंटे का कार्य करेंगे। हालांकि कालेज प्रबंधन गैर शिक्षक कर्मचारियों को हफ्ते में दस घंटे का एक्स्ट्रा कार्य सौंप सकते है। बता दें कि जब से कालेजों में आधार आधारित बायोमीट्रिक मशीनें लगी हैं, तब से कालेज प्रोफेसरों को कई आपत्तियां हैं। प्रदेश सरकार की ओर से यूजीसी स्केल लेने वाले कर्मचारियों का ड्यूटी समय क्या किया जाएं, इस उलझन में शिक्षा विभाग भी है। हालांकि अभी शिक्षा विभाग ने यूजीसी नियमों के तहत ही कॉलेज स्टॉफ को ड्यूटी करने को कहा है, लेकिन सरकार जल्द इसमें शिक्षा विभाग के नए प्रोपोजल के मुताबिक बदलाव कर सकती है। वजह यह है कि हिमाचल के सरकारी कालेजों में गैर शिक्षक कर्मचारी और प्रोफेसर के ज्यादा पद नहीं हैं। साल भर प्रोफेसरों को गैर शिक्षण कार्य भी छात्रों के लिए करने पड़ते हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग कालेज प्रोफेसर व अन्य स्टाफ के ड्यूटी घंटे बढ़ाने की तैयारी में है। बता दें कि इस साल से सरकारी स्कूलों की तर्ज पर अब कालेज प्रोफेसरों को भी ऑनलाइन हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आधार आधारित बायोमीट्रिक मशीन में प्रोफेसरों की यह हाजिरी लगाई जाएगी। इसके लिए राज्य के 138 कालेजों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाने का कार्य शुरू हो गया है। खास बात यह है कि शिक्षा विभाग ने एनआईसी पोर्टल पर कालेज के 2558 रेगुलर प्रोफेसरों का डाटा ऑनलाइन कर दिया है।