लारजी का अनशन 17वें दिन भी जारी

रोजगार की मांग को लेकर डटे पंचायतवासी, प्रशासन-एनएचपीसी से मांगा जवाब

सैंज –520 मैगावाट की पार्वती परियोजना चरण-तीन  में अपने हकों की लड़ाई लड़ रही ग्राम पंचायत लारजी ने एनएचपीसी को चेताया है कि पंचायत के ग्रामीण पिछले 17 दिनों से भूखे-प्यासे हैं, लेकिन प्रशासन व एनएचपीसी बिलकुल खामोश हैं उन्हें न तो ग्रामीणों की चिंता है और न ही अनशन पर बैठी भूखी-प्यासी महिलाओं की। उन्हें तो सिर्फ अपने प्रोजेक्ट में कमाई करनी है। लारजी पंचायत की प्रधान कांता देवी ने बताया कि पार्वती तीन में एनएचपीसी अपनी कमाई के चक्कर में स्थानीय लोगों को ही भूल गई है, जबकि लारजी के ग्रामीण एनएचपीसी गेट के सामने पिछले लगभग तीन सप्ताह से भूखे-प्यासे डटे हैं। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी के अधिकारी आलीशान आफिसर में मौज कर रहे हैं, जबकि प्रशासन और राजनेता भी एनएचपीसी की भाषा बोल रहे हैं। पंचायत प्रधान ने मीडिया को बताया कि पिछले 17 दिनों से एक महिला प्रधान ने सरकार प्रशासन को एनएचपीसी को जगाने की कोशिश की है, लेकिन ग्रामीणों की मांग पर सभी कुंभकर्णी  निद्रा में सोए हैं। उन्होंने बताया कि वे इस मामले में हर पटल पर लिखित व मौखिक तौर पर अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कुछ स्वार्थी लोग इस आंदोलन को राजनीतिक रंग दे रहे हैं, जबकि लारजी के ग्रामीणों का आंदोलन राजनीति से ऊपर उठकर किया जा रहा है तथा ग्रामीणों की एक ही मांग है कि स्थानीय पंचायत के ग्रामीणों को रोजगार दिया जाए। कांता देवी ने कहा कि लारजी पंचायत के इस आंदोलन में सभी राजनीतिक दल हमारा सहयोग कर रहे हैं। क्योंकि सबका साथ सबका विश्वास ग्राम पंचायत लारजी के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का  मूल मंत्र है। पंचायत प्रधान ने कहा कि रोजगार की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों का सब्र का पैमाना कभी भी टूट सकता है, जिसकी जिम्मेदारी एनएचपीसी प्रबंधन व  प्रशासन  की रहेगी।