विधानसभा में गूंजेगा धौलासिद्ध प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण का मुद्दा

By: Feb 21st, 2020 12:20 am

हमीरपुर – 66 मेगावाट की क्षमता वाली और करीब 650 करोड़ की लागत से बनने वाली धौलासिद्ध विद्युत परियोजना में होने वाली भूमि अधिग्रहण विवादों के घेरे में आ गया है। आरोप है कि हमीरपुर और कांगड़ा की सीमा पर ब्यास नदी पर बनने वाली इस परियोजना में दोनों जिलों के किसानों की हजारों कनाल बेशकीमती भूमि जो कि धौलासिद्ध विद्युत प्रोजेक्ट की जद में आ रही है, उसके अधिग्रहण की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं की जा रही। इस मसले को लेकर किसानों की संघर्ष कमेटी ने कड़ा रुख एख्तयार किया है। कमेटी के सदस्यों ने सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के समक्ष इस मसले को सरकार के समक्ष रखने की अपील की है। उधर, राजेंद्र राणा ने आश्वासन दिया है कि वे किसानों के इस मसले को आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे। आरोप है कि धौलासिद्ध प्रोजेक्ट प्रबंधन किसानों के  शोषण पर अमादा हो गया है। राजेंद्र राणा ने कहा है कि संघर्ष समिति की बात सुनने व तमाम दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद पता चला है कि किसान सही हैं और उनकी भूमि का अधिग्रहण सरकारी नियम के अनुसार होना जरूरी है। धौलासिद्ध प्रोजेक्ट की जद में 338 हैक्टेयर भूमि आने की बात कही गई है जिसमें से 58 हैक्टेयर भूमि का मालिक वन विभाग है जबकि निजी किसानों की भूमि 252 हैक्टेयर है। राज्य सरकार की भूमि 28 हैक्टेयर है। इस प्रोजेक्ट की जद में कुल 18 पंचायतों की भूमि पर से किसानों का विस्थापन होगा जिनमें से 10 पंचायतें जिला हमीरपुर व 8 पंचायतें जिला कांगड़ा की हैं। 44 गांवों के परिवार इस विस्थापन में प्रभावित रहेंगे जिनमें से हमीरपुर के 30 गांव व कांगड़ा के 14 गांव शामिल हैं। कुल मिलाकर 713 परिवारों की भूमि इस प्रोजेक्ट की जद में आएगी।


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