शरगांव में प्रवचनों की बौछार

शिव महापुराण कथा के आठवें दिन कथावाचक सुमित भारद्वाज ने निहाल की संगत

सोलन – श्री दुर्गा माता मंदिर शरगांव में आयोजित शिव महापुराण कथा के आठवें दिन का समापन बुधवार को हुआ। कथावाचक आचार्य सुमित भारद्वाज ने भक्तों को शंखचूड़ नामक दैत्य की कथा सुनाते हुए कहा कि शंखचूड़ नामक दैत्य पहले गोलोकधाम में भगवान विष्णु का पार्षद था, लेकिन राधा रानी के श्राप से वह दैत्य बना। वह बहुत कुशल राजा था। उसके राज्य में कोई भी दुखी नहीं रहता था। वह धर्म की रक्षा करता था, क्योंकि उसकी बुद्धि देवताओं वाली थी, परंतु देवता उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह उनका सम्मान नहीं करता था। इसलिए उन्होंने भोले बाबा से उसके उद्धार की प्रार्थना की तब भगवान शंकर ने कहा कि जो व्यक्ति धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है शंखचूड़ यदि दैत्य हो कर भी धर्म पथ पर तत्पर है तो उसे कोई मार नहीं सकता। धर्म इसकी रक्षा करेगा। इसके बाद कथा प्रसंग में आचार्य सुमित ने भक्तों को बताया कि किस तरह जालंधर नाम के व्यक्ति का भगवान शंकर उद्धार करते हैं। श्री दुर्गा माता मंदिर कमेटी द्वारा जनता से आग्रह किया गया कि अधिक से अधिक संख्या में आकर शिवरात्रि महोत्सव का वह मूतिर् प्रतिष्ठा शिव परिवार व शनिदेव की 21 वह 22 फरवरी को होने वाली है, उसमें बढ़-चढ़कर भाग लें और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें।