शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी नही हैं टीचर

By: Feb 28th, 2020 12:30 am

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने जड़ा आरोप; कहा, वार्ता की जगह दबाव से काम लेना बोर्ड चेयरमैन की भूल

शिमला – हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ  ने  शिक्षा बोर्ड पर शिक्षकों को प्रताडि़त करने, उनसे जबरन बोर्ड ड्यूटी व पेपर चैक करवाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। संघ ने साफ कर दिया है कि शिक्षक काम के बदले सम्मान व सम्मानजनक राशि चाहते हैं। अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बोर्ड चेयरमैन पर शिक्षक संगठनों से बात न करने व शिक्षकों से दबाव में काम करवाने के आरोप लगाए हैं। वीरेंद्र चौहान ने बोर्ड चेयरमैन और सचिव को शिक्षकों की मांगों व समस्याओं को लेकर एक मांगपत्र एक माह पूर्व मेल किया था। उनसे बैठक के लिए समय भी मांगा था, मगर संघ से वार्ता के लिए समय नहीं लग पाया। श्री चौहान ने कहा कि हैरानी की बात तो यह है कि बोर्ड सभी तरह के कामों के लिए शिक्षकों पर निर्भर है, जबकि वे बोर्ड के कर्मचारी नहीं हैं। उनका आरोप है कि बोर्ड शिक्षकों से डरा-धमका कर काम लेना चाहता हैं और बदले में जब पैसे बढ़ाने की बात आती है, तो रुपए की जगह पैसो में मेहनताना बढ़ाता है, जबकि अपने लिए बच्चों की रजिस्ट्रेशन फीस व सेंटर रिटेंशन फीस और अन्य तरह की फीस पर चार गुना तक की वृद्धि एक साथ बिना किसी स्टेक होल्डर  से बात किए बढ़ा देता है। वहीं इस बार बोर्ड परीक्षाओं में सुपरिंटेंडेंट व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के साथ-साथ पेपर चैकिंग में ज्यादातर शिक्षकों ने अपनी सहमति नहीं दी है और शिक्षक बोर्ड के रवैये के कारण बोर्ड ड्यूटी नहीं देना चाहते हैं। इस बार बोर्ड अपने 30 प्रतिशत परीक्षा केंद्रों में भी सुपेरेंटेंडेंट व डिप्टी नहीं लगा सका है। वही हालात पेपर चैकिंग ड्यूटी की है और अब बोर्ड ने शिक्षा निदेशक से सभी शिक्षकों का डाटा मांगा है और बोर्ड की मंशा अपने आप बिना सहमति पत्र के ड्यूटी लगाने की है, जिसका संघ विरोध करेगा। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि यदि बोर्ड ने इस तरह से शिक्षकों को प्रताडि़त करने का कार्य किया, तो संघ बोर्ड का घेराव करेगा। उन्होंने कहा कि यदि बोर्ड ने पेपर चैकिंग का मेहनताना दोगुना न किया, तो संघ पहले की तरह इस बार भी पैपर चैकिंग के बहिष्कार का निर्णय ले सकता है। इस पर जल्द ही मार्च में होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

छह साल बीते, नहीं बढ़ा मेहनताना

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि 2014 में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के विरोध प्रदर्शन के बावजूद पेपर चैकिंग व अन्य मेहनताने में 50 प्रतिशत की वृद्धि इस शर्त के साथ की थी कि भविष्य में हर तीन साल के बाद कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। अब छह साल बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की सम्मानजनक वृद्धि नहीं की है।

 


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