शिमला में बढ़ा डायबिटीज का ग्राफ

By: Feb 15th, 2020 12:16 am

शिमला –शिमला में डायबिटीज़ का ग्राफ बढ़ गया है, जिसमें हर वर्ष दो सौ नए मामले आने लगे हैं। आईजीएमसी और डीडीयू की मेडिसिन ओपीडी में ही इस वर्ष 50 मामले आ गए हैं। डाक्टरों का कहना है कि इसके कारण यह भी परेशानी सामने आई है कि इससे बच्चों को जन्म देना भी दंपतियों को मुश्किल हो रहा है। इस बारे में गायनी विशेषज्ञ डा. आंकना कहती हैं कि डायबिटीज एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जो बहुत ही तेजी से बढ़ रही है और भारत में तो यह समस्या किसी चुनौती से कम नहीं है। अनियंत्रित डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं के मामले में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, पीसीओ और डिस्मेटाबोलिक सिड्रोम एक्स महिलाओं में इनफर्टिलिटी के 2 सबसे बड़े और गंभीर कारण हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. आंकना शर्मा ने बताया कि पीसीओएस वाली महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या अधिक होती है। ऐसे मरीजों में ग्लूकोस की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण भ्रूण गर्भ में रुक नहीं पाता है और परिणामस्वरूप महिला में बार-बार गर्भपात की समस्या होती है। ग्लूकोस की अत्यधिक मात्रा हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल पुरुषों के इरेक्शन की क्षमता को धीमा कर देते हैं। यह बात महिला और पुरुष दोनों पर लागू होती है। इनफर्टिलिटी की रोकथाम के लिए अपने इंसुलिन की जानकारी अवश्य रखें। डा. शर्मा ने आगे बताया कि टाइप 2 डायबिटीज वजन को बढ़ाती है, जिसके कारण मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को कन्सीव करने में समस्या आती है। टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए अपने वजन को सही रखना बहुत जरूरी है।


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