शीर्ष पांच में भारतीय आर्थिकी

By: Feb 24th, 2020 12:05 am

डा. जयंतीलाल भंडारी

विख्यात अर्थशास्त्री

भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने में तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार की भी अहम भूमिका है। हाल ही में प्रकाशित विश्व विख्यात संगठन ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म के प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स ‘पीडब्ल्यूसी’ सर्वे के अनुसार भारत दुनिया का चौथा सबसे चमकीला बाजार बन गया है और 2020 में भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। ऐसे में बढ़ते हुए भारतीय बाजार पर दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं…

हाल ही में 18 फरवरी को प्रसिद्ध अमरीकी थिंक टैंक वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के द्वारा प्रकाशित दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत 209 लाख करोड़ रुपए सकल घरेलू उत्पाद ‘जीडीपी’ की ऊंचाई को छूते हुए ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर का 60 फीसदी योगदान हो गया है। अमरीका, चीन, जापान और जर्मनी क्रमशः पहले से चौथे क्रम की अर्थव्यवस्थाओं के रूप में चिह्नित किए गए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने में तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार की भी अहम भूमिका है। हाल ही में प्रकाशित विश्व विख्यात संगठन ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म के प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स ‘पीडब्ल्यूसी’ सर्वे के अनुसार भारत दुनिया का चौथा सबसे चमकीला बाजार बन गया है और 2020 में भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। ऐसे में बढ़ते हुए भारतीय बाजार पर दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के अप्रैल से नवंबर माह के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ‘एफडीआई’ 24.4 अरब डालर प्राप्त हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी समान अवधि में 21.1 अरब डालर रहा था। इसी तरह से चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 की अप्रैल से नवंबर की अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की मद में 12.6 अरब डालर की रकम आई जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी समान अवधि में 8.7 अरब डालर रही थी। इसमें कोई दोमत नहीं है कि इस समय भारतीय बाजार में नवाचार, कारोबार सुधार, उत्पादन और सर्विस क्षेत्र में सुधार की उभरती हुई प्रवृत्ति रेखांकित हो रही है। गौरतलब है कि हाल ही में 5 फरवरी को प्रकाशित यूएस चैंबर ऑफ  कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर के द्वारा नवाचार और कारोबार से संबंधित वैश्विक आई पी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। 53 देशों की सूची में 2020 में भारत 40वें स्थान पर है, जबकि 2019 में भारत 36वें स्थान पर था।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ‘आईएमएफ’ ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सितंबर 2019 में जिस तरह से कारपोरेट कर में कमी की है उससे भारत के बाजार की बढ़ने की नई संभावनाएं बढ़ गई हैं। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर उद्यमी बिल गेट्स ने कहा कि भारत के पास अगले एक दशक में काफी तेज गति से आर्थिक विकास हासिल करने की क्षमताएं हैं। बिल गेट्स ने यह भी कहा कि वैश्विक मंदी के दौर में भारत की 5 फीसदी की विकास दर चिंताजनक नहीं है और आर्थिक सुस्ती के दूर होने के बाद विकास दर तेजी से बढ़ेगी। निःसंदेह देश में बढ़ते हुए आर्थिक सुधार और देश में मध्यम वर्ग की बढ़ती हुई क्रयशक्ति अर्थव्यवस्था को नई गति दे रही है। निश्चित रूप से भारतीय मध्यम वर्ग आज देश और दुनिया की आंखों का तारा बन गया है। भारत का मध्यम वर्ग जहां देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने का सपना लेकर आगे बढ़ रहा है, वहीं वह अपनी खरीददारी क्षमता के कारण पूरी दुनिया को भारत की ओर आकर्षित भी कर रहा है। इसमें कोई दोमत नहीं है कि शहरीकरण ने भारतीय बाजार को तेजी से आगे बढ़ाया है। अमरीका के विश्व प्रतिष्ठित थिंकटैंक ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2035 तक दुनिया के शहरीकरण में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। तेजी से विकसित होते हुए नए वैश्विक शहरों की रफ्तार के मामले में टॉप के 20 शहरों में से पहले 17 शहर भारत के होंगे और उनमें भी सबसे पहले दस शहर भारत के ही होंगे। निश्चित रूप से देश में कारोबारी सुगमता बढ़ने से भी बाजार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। 24 अक्तूबर, 2019 को वर्ल्ड बैंक द्वारा प्रकाशित ईज ऑफ  डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2020 में भारत 190 देशों की सूची में 63वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत कारोबारी सुगमता की विश्व रैंकिंग में 14 स्थान की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया है। निःसंदेह भारतीय बाजार में कारोबार में बढ़ती अनुकूलताओं के कारण ख्याति प्राप्त वैश्विक फायनेंस और कॉमर्स कंपनियां भारत में अपने कदम तेजी से बढ़ा रही हैं।

इतना ही नहीं भारत से कई विकसित और विकासशील देशों के लिए कई काम बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग पर हो रहे हैं। भारत में स्थित वैश्विक फाइनेंशियल फर्मों के दफ्तर ग्लोबल सुविधाओं से सुसज्जित हैं। देश में बढ़ते हुए नवाचार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप, विदेशी निवेश, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के कारण भारतीय बाजार का विस्तार होता गया है। नई प्रौद्योगिकी पर इनोवेशन और जबरदस्त स्टार्टअप माहौल के चलते दुनिया की कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। यहां यह भी उल्लखनीय है कि एक फरवरी को प्रस्तुत वर्ष 2020-21 के आम बजट में जो उद्योग-कारोबार के लिए नए प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं, उनसे बाजार को गति मिलेगी। इस बजट में तकनीक विकास पर खास तौर से फोकस किया गया है। वित्तमंत्री ने इस संबंध में कई बड़े ऐलान किए हैं। जैसे सरकार अगले 5 सालों में क्वॉन्टम एप्लीकेशन पर 8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। जिसकी मदद से बड़े डेटा और इन्फॉर्मेशन को बहुत कम वक्त में प्रोसेस किया जा सकेगा। इससे नई दवाओं की खोज से लेकर शहरों का मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट जैसे काम आसान हो जाएंगे। सरकार ने पूरे देश में डेटा सेंटर पार्क बनाने का फैसला किया है। बड़े-बड़े दफ्तरों को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए ऑनलाइन कृषि मंडी ‘ई-नाम’ और सरकारी खरीदी पोर्टल ‘जेम’ के लिए 27,300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। तकनीक के जरिए चमकीले व उन्नत बाजार का नया रास्ता बनाने की रणनीति बजट में प्रस्तुत की गई है। निःसंदेह हम अमरीकी थिंक टैंक वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की आगामी रिपोर्ट 2020 में और ऊंचाई प्राप्त करने तथा वैश्विक पीडब्ल्यूसी सर्वे के मद्देनजर बाजार चुनौतियों का समाधान करके दो-तीन वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे अच्छा बाजार और चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की पूरी संभावनाएं रखते हैं। इस हेतु हमें अपनी बुनियादी संरचना में व्याप्त अकुशलता एवं भ्रष्टाचार पर नियंत्रण कर अपने प्रॉडक्ट की उत्पादन लागत कम करनी होगी। देश के उद्योग-व्यवसाय में कौशल प्रशिक्षित युवाओं की मांग और आपूर्ति में लगातार बढ़ता अंतर दूर किया जाना होगा। हमें भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी नियंत्रण की डगर पर तेजी से बढ़ना होगा। हम आशा करें कि सरकार भारतीय बाजार की चमकीली सुकूनभरी संभावनाओं को साकार करने की डगर पर आगे बढ़ेगी। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था लाभान्वित होगी, वरना उद्योग, कारोबार और आम आदमी भी लाभान्वित होगा।


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