सचमुच शिक्षा का मंदिर है ‘मामू का स्कूल’

By: Feb 18th, 2020 12:03 am

नगरोटा बगवां में शिक्षकोंअभिभावकों के तालमेल से छात्रों को दी जा रही सभी जरूरी सुविधाएं

नगरोटा बगवांनगरोटा बगवां का एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिक्षकों, शिक्षार्थियों तथा अभिभावकों के तालमेल से कैसे शिक्षा का मंदिर बन गया, इसके चर्चे अब आम है। अमूमन ‘मामू के स्कूल’ के नाम से विख्यात स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को शिक्षा का समुचित माहौल उपलब्ध हो, इसके लिए स्कूल ने न तो कभी सरकारी निर्देशों का इंतजार किया और न ही अनुदान की आस में अपनी योजनाओं को धूमिल होने दिया। बच्चों की सुविधा और स्कूल को संवारने के लिए स्कूली शिक्षकों ने अपने मुखिया के आह्वान मात्र पर ही अपने बटुए के बटन भी हमेशा छात्र हित में खुले रखे। यह मुखिया का नेतृत्व कौशल ही है कि उनका समूचा अमला प्रातः स्कूल शुरू होने से पहले तथा देर सायं तक स्कूल में मौजूद रह कर छात्र हित में लिए जा रहे निर्णयों को अमलीजामा पहनाने में मशगूल  देखा जा सकता है। अपने सीमित संसाधनों के बीच लंबे-चौड़े परिसर को भव्य मैदान का  स्वरूप देना, डिजिटल क्लास रूम्ज के साथ आलिशान ऑडिटोरियम की स्थापना, शहीदों के बलिदान का स्मरण करवाती पगडंडियां, नूरपुर हादसे में आकस्मिक मौत का ग्रास बने ब्च्चों को समर्पित फुलबाडि़यां, शिक्षा व साक्षरता की देवी मां सरस्वती के साथ महात्मा बुद्ध की  प्रतीकात्मक उपस्थिति में शानदार मेडिटेशन केंद्र स्कूल को शिक्षा का मंदिर होने की धारणा को पुष्ट करता है। सार्थक उपदेश वहीं है, जो बाणी से नहीं, बल्कि अपने आचरण से दिया जाए शायद इसी आदर्श वाक्य को मूर्त रूप देने हेतु ही इन्हीं क्यारियों के रखरखाव और स्कूल के सौंदर्यीकरण के साथ स्वच्छता के मिशन को गति प्रदान करने हेतु बच्चों तथा शिक्षकों को कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ा अकसर देखा जा सकता है। स्कूल में स्थापित उच्च दर्जे की लाइब्रेरी तथा आईटी लैब ऐसी अतुलनीय स्थापनाएं हैं, जिसके कपाट स्कूल में अध्ययनरत बच्च्चों के लिए ही नहीं, बल्कि बाहर के उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए भी खुले रहते हैं। यहां उन्हें अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उस दर्जे का वातावरण घर द्वार पर ही उपलब्ध मिलता है। शिक्षा,  खेल  और मनोरंजन की तमाम सुविधाएं  परिसर में एक विशेष वातावरण के साथ उपलब्ध होना ही वह वजह है, जो बच्चों को फालतू गतिविधियों में समय बर्बाद करने से रोके रखती है।


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