सतलुज आरती को जारी राशि पर सवाल

कहलूर सेवा विकास संस्था के पदाधिकारियों ने पूर्व कोषाध्यक्ष से मांगा पिछले साल का ब्यौरा; दो दिन का दिया समय, कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी

बिलासपुर-कहलूर सेवा विकास संस्था ने बिलासपुर में सतलुज पूजा के आयोजन में गड़बड़झाले का आरोप लगाते हुए अपने ही संगठन के एक पूर्व पदाधिकारी पर निशाना साधा है। संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले साल इस धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत इसी संस्था ने की थी, लेकिन संगठन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष ने इसके लिए एकत्रित पैसों का आज तक कोई हिसाब नहीं दिया। इतना ही नहीं, उसने सतलुज आरती के लिए भाषा विभाग से 15 हजार रुपए एक अन्य क्लब के नाम पर भी जारी करवा लिए। यदि उसने पिछले साल जनता से एकत्रित पैसे का दो दिन में ब्यौरा नहीं दिया तो उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कहलूर सेवा विकास संस्था के अध्यक्ष सन्नी कुमार, महासचिव भरत डोगरा, उपाध्यक्ष मनीष कौंडल व सहसचिव अजय ने कहा कि गंगा आरती की तर्ज पर संस्था ने पिछले साल से सतलुज आरती की शुरुआत की थी। इसके लिए लोगों की ओर से 20-25 हजार रुपए की सहयोग राशि प्राप्त हुई थी। इसकी बाकायदा रसीदें काटी गई थीं। हालांकि बाद में इस कार्यक्रम के लिए स्पॉंसरशिप मिल गई, जिससे लोगों से एकत्रित हुआ पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ी। यह सारा पैसा संस्था के तत्कालीन कोषाध्यक्ष के पास था, लेकिन उसने आज तक इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया। संस्था के नुमाइंदों के अनुसार पिछले साल सतलुज आरती का आयोजन 16 फरवरी को किया गया था। बाद में संस्था के तत्कालीन कोषाध्यक्ष ने भाषा विभाग से इसके लिए 15 हजार रुपए एक अन्य संगठन के नाम से जारी करवा लिएए जिसका वह खुद को संस्थापक अध्यक्ष बताता है। जाहिर है कि उसने भाषा विभाग को भी गुमराह किया। पिछले दिन सोमवार को सतलुज आरती के आयोजन में संस्था के पूर्व कोषाध्यक्ष की सक्रिय भूमिका रही, लेकिन इस धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत करने वाली कहलूर सेवा विकास संस्था से इस बारे चर्चा तक नहीं की गई। यदि उसने दो दिनों के भीतर पिछले साल सतलुज आरती के लिए एकत्रित पैसे का लेखा-जोखा नहीं दिया तो उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की जाएगी।