सामने झील… पर डोह प्यासा

By: Feb 27th, 2020 12:20 am

गांव को नहीं मिल रहा कुंतभ्यो झील का पानी, पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोगों ने विभाग से लगाई गुहार

रिवालसर –महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान अर्जुन ने तीर चलाकर एक झील का निर्माण कर अपनी मां की प्यास बुझाई थी। इतिहास के पन्नों में दर्ज यह झील आज मौजूद है तथा बल्ह क्षेत्र के रिवालसर स्थित सरकी धार पहाड़ी पर कुंतभ्यो सर के नाम प्रसिद्ध है। जहां पर अर्जुन ने तीर मारा था वह (नकथौड़ी) नामक स्थान से इस सरोवर का निर्मल पानी बहता हुआ देखा जा सकता है। यही पानी विभिन्न पेयजल योजनाओं के माध्यम से आगे चलकर बल्ह व सरकाघाट क्षेत्र के दर्जनों गांव में बसे हजारों लोगों की प्यास बुझा रहा है, लेकिन हैरानी की बात है कि झील से महज दो किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित डोह गांव के लोगों को इस सरोवर का पानी नसीब नहीं हो पाया है। लोग आज भी पेयजल की भारी समस्या से जूझ रहे हैं। हालात यह है कि फरवरी महीने में ही हजारों की आबादी वाले इस गांव के घरों में लगे नलों से तीसरे चौथे दिन पानी टपक रहा है। गर्मियों में हालत में हालात और भी ज्यादा खराब होंगे जिसको लेकर अभी से लोग चिंतित हो रहे है। गांव के मुंशी राम, खेम चंद, पवन, नरपत, भगवान दास, ओमकार सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बल्ह क्षेत्र के पानी की आपूर्ति बल्ह व सरकाघाट के गांव में बेरोकटोक जारी है, जिस पर पेयजल स्रोत के नजदीक एक गांव के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है, जबकि जब भी डोह गांव के लोगों संबंधित विभाग द्वारा पेयजल देने को लेकर कार्रवाई अमल में लाई जाती है तो स्थानीय लोग किसी पुरानी रंजिश को लेकर यहां से डोह गांव को पेयजल देने को लेकर विरोध में उतर जाते हैं, जो कि न्यासंगत नहीं है। गांव के लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह से गुहार लगाई है कि उन्हें कुंतभ्यो झील के पेयजल स्रोत से पेयजल आपूर्ति को लेकर संबंधी विभाग को जरूरी दिशा निर्देश जारी करें, जिससे वर्षों से चल गांव की पेयजल समस्या का हल हो सके। इस बारे में सहायक अभियंता आइपीएच उपमंडल रिवालसर मानसिंह भारती का कहना है कि विभाग डोह गांव की पेयजल समस्या के समाधान को लेकर गंभीर है। जल्द ही समस्या का हल कर दिया जाएगा।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App