1134 करोड़ के प्रोजेक्ट पर संकट

By: Feb 22nd, 2020 12:03 am

वर्ल्ड बैंक ने सुधार न करने पर परियोजना रद्द करने का राज्य सरकार को फिर जारी किया अलर्ट

शिमला- हिमाचल सरकार की महत्वकांक्षी 1134 करोड़ की बागबानी परियोजना पर फिर खतरा मंडरा गया है। विश्व बैंक ने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग में कैंची चलाने की पुख्ता तैयारी कर ली है। पिछले माह इस प्रोजेक्ट का स्पॉट विजिट कर लौटी विश्व बैंक की टीम ने परियोजना की लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी जताई है। इसके चलते वर्ल्ड बैंक ने मई, 2019 तक के सभी टारगेट पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। लक्ष्य हासिल न किए जाने पर वर्ल्ड बैंक ने प्रोजेक्ट को भी रद्द करने की चेतावनी दी है। वर्ल्ड बैंक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अभी तक इस परियोजना में महज 120 करोड़ की राशि खर्च हुई है। इस पर सवाल उठाते हुए वर्ल्ड बैंक ने पूछा है कि अगले दो सालों में एक हजार करोड़ से ज्यादा की राशि कैसे खर्च होगी? हालांकि राज्य सरकार के अधिकारियों ने दलील दी है कि पिछले छह माह में परियोजना ने गति पकड़ी है। प्लांटेशन से लेकर स्टाफ की नियुक्ति तक विभिन्न लक्ष्यों को तेजी से हासिल किया गया है। छह माह की इस समयावधि में 60 करोड़ खर्च किए गए हैं। बागबानी प्रोजेक्ट के अफसरों की इन दलिलों को खारिज करते हुए वर्ल्ड बैंक ने कुल छह साल की इस परियोजना के लिए अब तक निर्धारित सभी लक्ष्यों को जून माह से पहले पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। जाहिर है कि वर्ल्ड बैंक की गाइडलाइन के तहत अब तक यह परियोजना धरातल पर उतरना जरूरी थी। कुल 1134 करोड़ की इस परियोजना का 900 करोड़ से ज्यादा अब तक खर्च हो जाना चाहिए था। इसके अलावा इस परियोजना से हिमाचल की तकदीर व तस्वीर बदल चुकी होती।

प्रापण पर मार्च तक अल्टीमेटम

प्रापण गतिविधियां मार्च 2020 से पहले पूरी करने का अल्टीमेटम दिया गया है। बैंक ने फार्मर फेसिंग ट्रेनिंग मॉडयूल को विकसित और लागू करने को कहा है। 

एक महीने का होता है समय

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि तकनीकी एवं वित्तीय मूल्यांकन विश्व बैंक के फॉर्मेट के अनुसार ही रहेगा। प्राइवेट सेक्टर के साथ कांट्रैक्ट प्रोडक्शन एक माह के भीतर पूरा करना होगा।

रेड अलर्ट जारी

विश्व बैंक के इस रुख के बाद राज्य सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची ने बागबानी प्रोजेक्ट के अफसरों को रेड अलर्ट जारी कर दिया है। विभागीय सचिव अमिताभ अवस्थी ने प्रोजेक्ट की मीनिट टू मीनिट मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।

अब होने लगी हलचल

प्रोजेक्ट लटकने के कारण वर्ल्ड बैंक ने एक साल पहले इसे रद्द करने की चिट्ठी जारी की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपनी विशेष प्रयासों से इस परियोजना को बचाने में कामयाबी हासिल की है। इस कारण ही अब बागबानी प्रोजेक्ट पिछले छह माह से गति पकड़ने लगा है।

आईटी सैल के लिए बजट

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि राज्य सरकार बागबानी विभाग के आईटी सैल के लिए बजट आबंटन के साथ नोडल अधिकारी-आईटी की नियुक्ति करे। इसके अलावा ऑडिटिंग के लिए सीएजी के साथ हुए एग्रीमेंट की सॉफ्ट कॉपी का रिकार्ड तैयार किया जाए। यह भी सुनिश्चित करे कि अधिकृत अधिकारी ही एसटीईपी गतिविधियां आपरेट करेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App