18 साल से नहीं पहनी वर्दी अब संभालना पड़ रहा ट्रैफिक

बिलासपुर का वाकया, मामला उजागर होते ही एसपी ने फील्ड में उतारा कर्मी

बिलासपुर – पुलिस महकमे के एक ही जगह करीब 18 साल से विना वर्दी पहने ड्यूटी दे रहे एक कर्मचारी पर गाज गिरी है। सालों से पुलिस वर्दी से परहेज करने वाले इस कर्मचारी का खुलासा होने के बाद एसपी दिवाकर शर्मा ने उसे तुरंत प्रभाव से संबंधित विंग से हटाकर जनसेवा के लिए फील्ड ड्यूटी में तैनात कर दिया है। अब यह कर्मचारी वर्दी पहन की टै्रफिक ड्यूटी दे रहा है। पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दिवाकर शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह कर्मचारी बतौर आर्डरली संबंधित विभाग में तैनात था। उन्होंने बताया कि मामला उजागर होने के बाद इस कर्मचारी ने पिछले 18 साल से पुलिस वर्दी न पहनने की बात कबूल ली है। इस पर एसपी दिवाकर ने उसे फटकार  भी लगाई है व जनसेवा के लिए संबंधित कर्मचारी को फील्ड में ड्यूटी देने के लिए उतार दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मियों के लिए वर्दी के जो नियम हैं, उनका सभी पालन करें। वर्दी से परहेज करने वालों के खिलाफ एसपी ने कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। अकसर देखने में आता है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी मनमर्जी से वर्दी पहनते हैं। ऐसे पुलिस कर्मियों पर भी पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा की नजर टेढ़ी हो गई है। उनका कहना है कि कुछ पुलिस कर्मी नामी कंपनियों के स्टाइल वाले खाकी जूते पहन रहे हैं, जो गलत है। जांच में यह भी पाया गया है कि कुछ पुलिस कर्मियों की कैप अंदर से काफी गंदी होती है। बाहर से देखने में ही लगता है कि कैप को लंबे समय से बदला नहीं गया है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्धारित मानक के अनुरूप वर्दी पहनने के लिए कहा है। एसपी दिवाकर का कहना है कि वर्दी पुलिस की आन, बान और शान है। इसलिए इसे पहनने से परहेज नहीं होना चाहिए। नियमों के अनुसार पुलिसकर्मियों के लिए टोपी पहनना उतना ही जरूरी है, जितना पेंट-शर्ट, नेम प्लेट, बैज, बेल्ट और जूते-मौजे पहनना। इनमें से एक भी चीज मौजूद न हो, तो वर्दी पूरी नहीं मानी जाती।