128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 270 फीट लंबा होगा मंदिर
वीएचपी ने कई साल मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग नक्शों पर विचार किया और फिर एक नक्शा तैयार किया। इस नक्शे को राम मंदिर का मूल स्वरूप माना जा रहा है। इस प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 270 फीट लंबा होगा। इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभ होंगे। इसकी छत में एक शिखर होगा जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।
मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। रामलला की मूर्ति निचले स्तर पर ही विराजमान होगी। खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी।
1990 से शुरू हो गया था पत्थरों का काम
मंदिर निर्माण के लिए द्वार और स्तंभों की नक्काशी कई साल से चल रही है। हालांकि, गर्भगृह का निर्माण अभी होना है जहां मूर्ति की पूजा की जाएगी। बताया जाता है कि स्तंभ तैयार हैं लेकिन गर्भगृह की तैयारी अभी नहीं हुई है। अभी तक 106 स्तंभ बनकर तैयार हो चुके हैं और 106 स्तंभों की नक्काशी अभी होनी है। पत्थरों का काम 1990 में ही शुरू हो चुका था और इसलिए इसमें बहुत सारा काम पहले ही हो चुका है।
2024-25 तक बनकर तैयार हो सकता है राम मंदिर
सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण का कार्य आसान नहीं है और इसे पूरा करने में कम से कम चार साल लगेंगे। सड़कें ठीक नहीं हैं इसलिए पत्थरों की आपूर्ति की रफ्तार सुस्त है। इसके अलावा, हस्तशिल्प नक्काशी में समय लगता है। हालांकि, भूतल के लिए जितनी नक्काशी की आवश्यकता है वह पूरी हो चुकी है। यह भी कहा जा रहा है कि 2024-25 तक अयोध्या में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र भव्य राममंदिर मूर्त रूप ले लेगा। नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे।