9800 टॉपर्स को मिलेंगे लेपटॉप

By: Feb 6th, 2020 12:01 am

स्कूल-कालेज के मेधावियों को राहत, इसी माह वितरण के लिए रिपोर्ट तलब

शिमला  – स्कूल, कालेजों में दो साल से लैपटॉप का इंतजार कर रहे मेधावी छात्रों के लिए अच्छी खबर है। वर्ष 2017 – 2018 के मेधावी छात्रों को इसी माह लैपटॉप देने के निर्देश सरकार ने शिक्षा विभाग को जारी कर दिए है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2017-2018 के मेधावी छात्रों के लिए लैपटॉप खरीद कर ली गई है, जिसमें 900 छात्र कालेज टॉपर है, वहीं 8900 छात्र दसवीं व जमा दो के टॉपर है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज टॉपर को लेपटॉप सभी जिलों में पहुंचा दिए गए है। वहीं शिक्षा विभाग ने सरकार के आदेशोें के बाद ही उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर दिए है कि वर्ष 2017-2018 के मेधावी छात्रों को लैपटॉप आवंटित कर दिए जाएं। वहीं 2017 – 2018  के ही स्कूल टॉपर रह चुके 8800 छात्रों को भी लेपटॉप आवंटन कर रिपोर्ट भेजी जाएं। अहम यह है कि  शिक्षा विभाग ने 2018 – 2019 के स्कूल, कॉलेज में रह चुके टॉपर छात्रों को लैपटॉप खरीदने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को इस बाबत पूरा बजट दे दिया है। बताया जा रहा है कि दो माह के भीतर नए लैपटॉप खरीदने की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। बता दें कि इस साल पहली बार कालेज छात्रों को लेपटॉप दिए जाएंगे। इससे पहले केवल स्कूल के दसवीं व जमा दो के छात्रों को ही यह तोहफा सरकार की ओर से दिया जाता था। अब जब इस बार कालेज छात्रों को भी सरकार की ओर लैपटॉप दिए जा रहे है, तो इनका मनोबल भी बढ़ेगा। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने 2018 -2019 के टॉपर रह चुके 900 कालेज छात्रों को भी लैपटॉप देने के लिए खरीद शुरू कर दी है। दरअसल बुधवार को प्रदेश सचिवालय में प्रधान सचिव केके पंत की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की बैठक हुई। इस बैठक में शिक्षा प्रधान सचिव ने आदेश जारी किए है कि लैपटॉप खरीद प्रक्रिया पर समय -समय पर अपडेट करते रहे। ताकी समय रहते मेधावी छात्रों को इसका फायदा मिले। बता दें कि प्रदेश सरकार ने कालेज छात्रों को पहली बार लैपटॉप देने की योजना तैयार कर दी है।  बता दें कि दो साल पहले मंत्रिमंडल ने प्रदेश में वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 के लिए छात्र डिजिटल योजना में 10वीं, 12वीं और कालेजों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए 9800 लैपटॉप खरीदने और वितरित करने को स्वीकृति प्रदान की है। वहीं दो साल पहले दो कंपनियों को टेंडर देने और खरीद के लिए पांच करोड़ का बजट बढ़ने से मामला विवादित हो गया था। 22 अगस्त को विधानसभा में कांग्रेस ने भी इसको लेकर खूब हंगामा किया था। लैपटॉप खरीद का जिम्मा राज्य इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन को दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने खरीद के लिए करीब 17 करोड़ का बजट निर्धारित किया था, जबकि टेंडर में चुनी गई कंपनियों ने 23 करोड़ के बजट में लैपटॉप देने की बात कही। यही वजह है कि इन सभी अनियमितताओं की वजह से यह लेपटॉप देने का मामला लटका हुआ था। उधर उस समय कारपोरेशन की टेंडर प्रक्रिया शिक्षा विभाग को रास नहीं आई। इसको आधार बनाते हुए शिक्षा विभाग ने टेंडर रद्द करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे प्रदेश सरकार ने रद्द कर दिया। फिलहाल अब जब लैपटॉप की आंवटन प्रक्रिया को लेकर सरकार व शिक्षा विभाग एक बार फिर गंभीर हो गई है, तो अहम रहेगा कि इस बार जल्द लेपटॉप छात्रों को मिलते है या नहीं।

सरकार ने एक माह में मांगी रिपोर्ट

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को एक माह बाद स्टेट्स रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं, वहीं कहा गया है कि बताया जाए कि एक माह में कितने स्कूल कालेजों के टॉपर छात्रों को लैपटॉप आवंटित किए गए।

जिला उपनिदेशकों की वजह से हुई देरी

सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017 -2018 के मेधावी छात्रों को शिक्षा विभाग ने लैपटॉप काफी पहले जिलों को भेज दिए थे। लेकिन जिला उपनिदेशकों की देरी की वजह से ही कालेज छात्रों को सरकार का यह तोहफा नहीं मिला। अब शिक्षा विभाग ने आदेश दिए है कि जिन जिलों में लैपटॉप पहुंच गए है, वह जल्द आवंटन कर रिपोर्ट भेंजे।


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