अस्पताल के बहाने बाहर निकले लोग

शिमला में लॉकडाउन का पूरा असर, दोपहर तक खुली रहीं जरूरी सामान की दुकानें, फिर बंद

शिमला-शिमला जिला में लॉक डाउन का पूरा असर दिखा। जिला भर में अलग-अलग स्थानों पर लोगों ने इस लॉक डाऊन को समर्थन दिया वहीं जरूरी वस्तुओं की दुकानें दोपहर तक खुली रहीं। इन दुकानों के खुले रहने से लोग जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए बीच-बीच में निकलते रहे। हालांकि पुलिस प्रशासन ने लोगों को टोका और थोड़ी सख्ती दिखाने की कोशिश भी की मगर फिर भी कुछ संख्या में लोग सड़कों पर दिखे। वैसे अधिकांश सड़कें खाली थीं मगर फल, सब्जियां, दूध आदि  लेने के लिए लोग जरूर घरों से निकलते दिखे। राजधानी शिमला में बहुत कम संख्या में लोगों की आवाजाही रही। यहां प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद था। खुद जिलाधीश अमित कश्यप के साथ पुलिस के अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी फील्ड में थे।  बस अड्डे पूरी तरह से खाली थे और गिने चुने वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे थे। अस्पताल के बहाने से लोग वाहन लेकर निकले वैसे पुलिस के टोकने पर कईयों को वापस भी भेजा गया। यहां दवाइयों की दुकानें भी खुली हुई थीं। शहर में दूध की सप्लाई तो आ गई थी मगर ब्रेड आज नहीं आ सकी जिस कारण लोगों को परेशानी जरूर हुई। वहीं सरकार ने गैस एजेंसियों को खुला रखने व गैस सप्लाई करने के निर्देश दे रखे हैं मगर इन आदेशों की पूरी तरह से अनुपालना नहीं हुई। लोगों को गैस की सप्लाई लेने में दिक्कतें पेश आईं। गैस कंपनियों ने यहां तक कहा कि उनके  मजदूरों को आने नहीं दिया जा रहा है लिहाजा ग्राहक खुद ही गोदाम तक पहुंच जाए। ऐसे में आम जनता को परेशानी तो होनी लाजिमी ही थी। वैसे लोगों ने सरकार के आहवान को समर्थन देने में कसर नहीं छोड़ी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बंद रखा गया है जिससे परेशानी तो हो रही है मगर यह मानव जीवन के लिए जरूरी भी है। इसलिए जो भी लोग घरों से निकले वो पैदल ही यात्रा करते दिखे। शहर में इसेंशियल सर्विसेज देने के लिए  संबंधित कर्मचारी तय मापदंडों के अनुरूप  अपने कार्यालयों तक पहुंचे। जिलों में भी अस्पताल कर्मचारी व बैंक कर्मी अपने काम में डटे थे। शहर के मालरोड व रिज मैदान पूरी तरह से खाली था और यहां पर एक भी दुकान नहीं खुली थी। लोग दूध व ब्रैड की सप्लाई को सुनिश्चित बनाने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं।