कर्फ्यू… घरों में दुबकी रही राजधानी

शहर में सन्नाटे के बीच दनदनाती पुलिस की गाडि़यों से सहमे लोग, किराने की दुकानें भी रहीं बंद

शिमला – हिमाचल में लगे कर्फ्यू के बीच राजधानी शिमला पूरी तरह से पैक हो गई है। पिछले कल शाम पांच बजे से लगे कर्फ्यू के बाद यहां हालात असामान्य हो गए थे। जैसे ही लोगों ने यह खबर सुनी तो सभी घरों में दुबक गए। बुधवार को कर्फ्यू से शिमला में पूरी तरह से सन्नाटा था और पुलिस वाहन ही दनदना रहे थे। कहीं सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए जिनको भी पुलिस रोक-रोक कर पूछ रही थी। उनसे पूरी जानकारी लेने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया। इस बीच परेशानी वाली बात यह रही कि शहर में रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए जो दुकानें खुलनी चाहिए थीं वह भी नहीं खुल पाईं। लोग इन दुकानों के खुलने का इंतजार करते रहे। जबकि जिलाधीश शिमला की ओर से गाइडलाइन रही कि सुबह 8 बजे से 11 बजे तक दुकानें खुल पाएंगी मगर यह व्यवस्था गुरुवार को रहेगी। ऐसे में बुधवार को शहर में दवाइयों की दुकानें  खुली नहीं मिलीं। अस्पताल के पास भी ऐसी दुकानें बंद ही दिखीं, जिससे लोगों को दिक्कत हुई। खासतौर पर सब्जियों व किराने की दुकानें भी शहर में नहीं खुल पाईं। जो कुछ लोग ऐसी वस्तुएं लेने के लिए निकले तो उन्हें लौटना पड़ा। वैसे सरकार ने कहा था कि यह दुकानें खुल सकती हैं मगर एक ा सब्जी तक की दुकान शिमला में नहीं खुली। ऐसा ही हाल जिला के दूसरे क्षेत्रों में भी है जहां पर भी दुकानों पर पूरी तरह से बैन रहा है। लोगों को यदि रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं मिल पाएंगी तो हालत ज्यादा खराब होगी। बताया जाता है कि बुधवार को भी शिमला में दूध को आया मगर ब्रेड, अंडे व दूसरी वस्तुओं की सप्लाई नहीं हो सकी। शिमला के बाजार सुबह से शाम तक पूरी तरह से सूने रहे। अस्पतालों के पास लोग जरूर देखे गए और उन्हें पुलिस ने भी किसी प्रकार से नहीं रोका। पुलिस के कर्मचारी शहर में हर स्थान पर तैनात हैं। एचआरटीसी के कुछ वाहन भी अस्पताल सेवाओं के लिए जाते हुए दिखाई दिए। बता दें कि शहर में कई स्थानों पर कूड़ा भी नहीं उठाया गया है। जबकि कोरोना वायरस के चलते पूरे शहर में सफाई व्यवस्था को चाक चौबंध किया जाना चाहिए था। बता दें कि शहर में डोर टू डोर गारबेज भी नहीं उठाया जा सका है।