कविता : पेपरों का समय

By: Mar 18th, 2020 12:20 am

संजना, छात्रा

कक्षा नौवीं, राजकीय उच्च विद्यालय ठाकुरद्वारा

हर बार मार्च का महीना आता है

पेपरों का टाइम आता है।

मैथ का पेपर आता है

बहुतों को समझ नहीं आता है।

साइंस का पेपर आता है

सबको नानी याद दिलाता है।

इंग्लिश का पेपर आता है

पढ़ने को मन नहीं करता है।

हिंदी का पेपर आता है

खेलने को टाइम मिल जाता है।

ड्राइंग का पेपर आता है

सोने का मन करता है।

संस्कृत का पेपर आता है

मन बड़ा घबराता है।

सामाजिक का पेपर आता है

समाज के नियमों को याद दिलाता है।

31 मार्च आता है

सुख और दुख का दिन आता है।

 


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