कांग्रेस के ‘सरकार बचाऊ’ नेता की नाक के नीचे से सरक जाएगी कमलनाथ की सरकार?

By: Mar 9th, 2020 8:28 pm

नई दिल्ली – मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार खतरे में दिख रही है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कांग्रेस के 17 से ज्यादा विधायक कर्नाटक पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि ये सारे विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं। ये भी कहा जा रहा है कि इन 10 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं। इस पूरे राजनीतिक खेल में कई बातें गौर करने वाली है। आइए बारी-बारी से सारे पहलुओं पर एक नजर डालते हैं।

तो क्या लाचार हैं कांग्रेस के संकटमोचक?

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सारे नाराज विधायक कर्नाटक जा पहुंचे हैं। कुछ दिन पहले भी कांग्रेस के नाराज विधायक यहीं गए थे। कर्नाटक में ही मौजूदा दौर के कांग्रेस के सबसे बड़े ‘सरकार बचाऊ’ नेता डीके शिवकुमार रहते हैं। कर्नाटक में जब बीएस येदियुरप्पा जोर लगाकर एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिराने की कोशिश कर रहे थे तब डीके शिवकुमार ही वह नेता थे जिन्होंने कई बार सरकार को गिरने से बचाया था। हालांकि आखिरकार येदियुरप्पा कर्नाटक में सरकार बनाने में सफल रहे। इसके अलावा राजस्थान और उत्तराखंड में जब कांग्रेस की सरकार संकट में आई थी तब भी डीके शिवकुमार ने ही संकटमोचक की भूमिका निभाई थी। वहीं गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान भी जब कांग्रेस के विधायकों के टूटने का खतरा था तब शिवकुमार उन्हें कर्नाटक के अपने गेस्ट हाउस में लेकर चले गए थे। अब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार से नाराज विधायक कर्नाटक पहुंचे हैं, लेकिन अब तक डीके शिवकुमार अपनी पार्टी की सरकार को बचाने के लिए एक्टिव मोड में नहीं दिखे हैं।

इधर सोनिया से मिलने दिल्ली आए कमलनाथ, उधर बदल गया खेल

इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में गौर करने वाली बात यह है कि सोमवार को ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। कमलनाथ यहां राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में रिपोर्ट देने आए थे। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट तक चली सोनिया और कमलनाथ की मुलाकात के दौरान राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अंबिका सोनी ने भी सोनिया से मुलाकात की थी। कमलनाथ और सोनिया की इस मुलाकात के तुरंत बाद ही भोपाल से खबर आई कि छह मंत्री समेत 17 विधायक कर्नाटक चले गए हैं। कर्नाटक जाने वाले सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के बताए जाते हैं। यहां यह भी जानने वाली बात है कि कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी नेता हैं।

क्या ज्योतिरादित्य कर रहे कमलनाथ सरकार को अस्थिर?

सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ही कमलनाथ की सरकार को गिराना चाहते हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य ने पार्टी को जीत दिलाने में भरपूर कोशिश की थी,परिणाम आने के बाद वह खुद ही मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद ज्योतिरादित्य अपनी पारंपरिक सीट गुना से लोकसभा का चुनाव भी हार गए। इसके बाद से ही ज्योतिरादित्य लगातार कमलनाथ सरकार के खिलाफ मुखर हैं। वह सार्वजनिक तौर से कह चुके हैं कि मांगें पूरी नहीं हुई तो वह कमलनाथ सरकार के खिलाफ रोड पर उतरेंगे। इसके जवाब में कमलनाथ भी उन्हें रोड पर उतरने की चुनौती दे चुके हैं।

राज्यसभा सीट चाहते हैं ज्योतिरादित्य?

लोकसभा चुनाव हारने के बाद ज्योतिरादित्य राजनीतिक रूप से करीब-करीब हासिए पर चले गए हैं। ऐसे में वह आगामी राज्यसभा चुनाव में अपने लिए एक सीट चाहते हैं। वहीं कमलनाथ और एमपी के तीसरे बड़े नेता दिग्विजय सिंह ऐसा नहीं चाहते हैं। अगर राज्यसभा सीट ज्योतिरादित्य को दी जाती है तो दिग्विजय सिंह खाली हो जाएंगे। वहीं सीएम रहते हुए भी प्रदेश अध्यक्ष का पद कमलनाथ के पास है, जिसे वह किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते हैं।


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