कांग्रेस जीरो, कौन नेता रहना चाहेगा

हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला बोले, सिंधिया के बाद अब सचिन पायलट भी छोड़ेंगे हाथ

चंडीगढ़ – मध्य प्रदेश के सियासी ड्रामा का हरियाणा में भी असर पड़ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद हरियाणा में भी राजनीति गरमा गई है और बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा है कि कांग्रेस जीरो हो गई है। कांग्रेस में अब कुछ नहीं रहा, सभी नेता कांग्रेस को छोड़ रहे हैं। सिंधिया के बाद जल्द ही सचिन पायलट भी कांग्रेस को अलविदा करेंगे। कांग्रेस में अब कौन रहेगा, जीरो हो गई है यह पार्टी। बता दें कि रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े और जीते। चुनाव के बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन का ऐलान करने वाले वह पहले निर्दलीय विधायक थे। भाजपा और मनोहरलाल ने उनको इसका इनाम दिया। उनको भाजपा-जजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वह राज्य के बिजली और जेल मंत्री हैं।  रणजीत सिंह चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हुड्डा के पास तो वही पुराना दर्द है। वह इसे भूलने को तैयार नहीं। रणजीत सिंह ने दावा किया कि हरियाणा से राज्यसभा की तीनों सीट पर भाजपा की जीत होगी।

हो सकता है कुलदीप भी कांग्रेस छोड़ दें

यहां पत्रकारों से बात करते हुए रणजीत चौटाला ने कांग्रेस पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि देशभर में कांग्रेस की स्थिति खराब हो गई है। यह पार्टी अब जीरो हो गई है और ऐसे में इसमें कौन रहेगा। उन्होंने कहा कि युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ दिया है। अब जल्द ही सचिन पायलट भी कांग्रेस को अलविदा कह देंगे। इस दौरान रणजीत सिंह ने कुलदीप बिश्नोई द्वारा किए गए ट्वीट पर भी कहा कि वह ठीक कह रहे हैं। कांग्रेस में किसी को सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि कुलदीप भी कांग्रेस छोड़ दें। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई ने सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद ट्वीट कर इसे दुखद करार दिया था। उन्होंने कहा था कि सिंधिया की तरह ही कांग्रेस के कई समर्पित नेता पार्टी में उपेक्षा और सम्मान महसूस कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व युवा नेताओं पर ध्यान दे और ऐसे नेताओं को सम्मान दे।