कारोबारियों को अभी और राहत की दरकार

By: Mar 30th, 2020 12:01 am

परवाणू  – भारत एवं राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के चलते आर्थिक रूप से नुकसान उठा रहे प्रत्येक वर्ग के लिए योजनाएं प्रस्तुत की हैं। उनका लघु उद्योग भारती हिमाचल प्रदेश के महामंत्री विकास सेठ ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि ये बहुत ही सराहनीय एवं प्रशंसनीय कदम हैं। देश में औद्योगिक वर्ग ( लघु एवं सूक्ष्म उद्योग) देश में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध करवाता है। जीडीपी में इसका हिस्सा 40 परसेंट है और एक बहुत बड़ा भाग एक्सपोर्ट में भी है। उसको अपने वर्ग के कल्याण के लिए अच्छी योजनाओं का अभी तक इंतजार है। पिछले दिनों जो योजनाएं दी गई हैं, उनमें तीन महीने देर से रिटर्न दाखिल करने अलावा जितनी भी योजनाएं सरकारों ने घोषित की हैं, ये सभी बीपीएल के लिए हैं। एमएसएमई अभी भी छूट हेतु प्रतीक्षारत है। इस संदर्भ में उन्होंने लघु उद्योग भारती की तरफ से  कुछ सुझाव दिए हैं जैसे कि आरबीआई रेगुलेटरी ने जो घोषणाएं की हैं, उसमें सभी बैंकों को सुझाव दिए गए हैं। उनमें कोई भी आदेश नहीं हैं। इस कारण एमएसएमई वर्ग को इस बात की भी आशंका है कि आरबीआई ने जो सुझाव दिए हैं, वे बैंक पूरी तरह से मानेंगे और जो तीन महीने का मोरटोरियम दिया गया है, उसके तुरंत बाद भुगतान करने का निर्देश है, जो एमएसएमई को किसी भी प्रकार से सहायता प्रदान नहीं करेगा। हमारा सरकार से अनुरोध है कि इन तीन महीनों के ब्याज को माफ करना चाहिए।

किसी भी तरह के फाइनांस इंस्टीच्यूशंस से लिए गए ऋण पर  तुरंत प्रभाव से 25 प्रतिशत की ड्राइंग पावर बढ़ाई जाए।

जल्द करवाएं भुगतान

राज्य सरकार, केंद्र सरकार या किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में दिए गए माल का भुगतान 31 मार्च तक कम से कम 85 प्रतिशत पेमेंट का भुगतान करवाया जाए। सरकारी विभागों में टेंडर के माध्यम से या किसी भी कंपनी को माल सप्लाई में होने वाली देरी पर आर्थिक दंड न लगे, इसकी व्यवस्था हो।

ईएसआई दे तनख्वाह

100 कर्मचारियों तक कार्यरत लघु उद्योगों  के कर्मचारियों की  लॉकडाउन पीरियड की तनख्वाह ईएसआई दे। बिजली के बिल वास्तविक उपयोग आधार पर ही बने। उसमें चार्ज होने वाले मिनिमम चार्जेस या फिक्स चार्जेज न लगाया जाए।


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