कोरोना… लोगों को आई वतन की याद

अंब – वर्षों पहले जिस वतन को छोड़ लोग दूसरे राज्य के बाशिंदे बन गए थे। अब मुसीबत की इस घड़ी में उन्हें एकबार फिर वतन वापस लौटने की याद ऐसी आई की मीलों दूर से पैदल सफर व भूख प्यास की चिंता छोड़ अपने घरों में पहुंचना जारी कर दिया है। रविवार को कर्फ्यू के बावजूद सुनसान मार्ग पर कुछ लोगों का समूह मुबारिकपुर से जब गुजर रहा था तो मीडिया ने अंकुश, संजीव, जगदेव, लाल सिंह, निवासी (नगरोटा बंगबा) से बात की तो उन्होंने बताया कि हम जालंधर (पंजाब) से शनिवार से पैदल चले हुए है। वहां किसी उद्योग में काम करते है। लॉकडाऊन के बाद पंजाब पूर्णतयः बंद हो चुका है। ऐसे में जिन उद्योगों में काम करते है। उनके प्रबंधकों ने कोई पैसे आदि देने से कन्नी काट ली है। उधर, पंजाब में कर्फ्यू लगने के बाद दुकानें बंद हो गई है। जो दुकानें थोड़ी देर के लिए कुछ समय के लिए खुलती है। वह उधार में कोई भी सामान देने से इनकार कर रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार घर पर राशन आदि देने की जो बातें कर रही है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है। पंजाब में इस वक्त दुकानें में राशन समाप्त होने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाऊन हुए देश के चलते भीड़भाड़ वाले शहरों में एक दो कमरों के अंदर रहना किसी जेल से भी खतरनाक है। जबकी इसके मुकाबले हिमाचल के गांव व पहाड़ी क्षेत्र संकट मोचन बनकर दिखाई दे रहा है।