गेट 2021; बदल रहा है पेपर पैटर्न  

इस साल हुए ग्रेजुएट एप्टीच्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग का रिजल्ट पहले ही जारी हो चुका है। इस रिजल्ट के जारी होने के बाद गेट कमेटी ने एक बड़ा फैसला लिया है। कमेटी अगली बार (गेट 2021) से गेट के पैटर्न में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। कुछ चीजों के बारे में खुद गेट 2020 के चेयरमैन बीआर चाहर ने जानकारी दी है। गेट के पैटर्न में अगली बार से क्या बदलाव होने जा रहे हैं। रिजल्ट में ऐसा क्या था, जिसके कारण कमेटी को पैटर्न बदलने का फैसला लेना पड़ रहा है। पैटर्न बदलने से स्टूडेंट्स को आसानी होगी या नहीं, ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको यहां दिए जा रहे हैं। दरअसल, गेट 2020 में पहली बार बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग को 25वें विषय के रूप में शामिल किया गया था। गेट में इस ब्रांच में टॉप करने वाले स्टूडेंट का नाम गणेश शिवाजीराव कुलकर्णी हैं, जिन्हें 100 में से 41.67 अंक मिले थे। जबकि कम्प्यूटर साइंस और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में सर्वाधिक टॉपर को 100 में से 91 अंक मिले। बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग में इस बार कुल 2228 स्टूडेंट्स शामिल हुए, जिनमें से 58 सफल हुए। इनमें से 19 छात्राएं थीं। सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ  100 में से 25 अंक रहा था, ओबीसी एनसीएल के लिए 22.5, एससी एसटी व दिव्यांगों के लिए 16.6 था। गेट 2020 के चेयरमैन बीआर चाहर ने इस बारे में कहा है कि ‘स्टूडेंट्स का स्कोर बेहतर हो सके’ इसके लिए गेट के पैटर्न में कुछ बदलाव की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो सभी विषयों के लिए (बायोमेडिकल इंजीनियरिंग सहित) मॉक पेपर्स स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उनकी तैयारी बेहतर हो सके। इस बार नए विषय बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के लिए मॉक पेपर्स उपलब्ध नहीं थे। आईआईटी हैदराबाद के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर रेणु जॉन के अनुसार, गेट 2021 के क्वेश्चन पेपर में बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशनए डिवाइसेस, एनाटॉमी, फीजियोलॉजी, बायोमैकेनिक्स और बायोमैटीरियल्स से कम और बेसिक सवाल पूछे जाने की प्लानिंग चल रही है। क्योंकि ये सिलेबस अभी नया है और इस पर ज्यादा मॉडल पेपर्स भी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए इस पेपर का डिफिकल्टी लेवल कम करने के लिए एडवांस्ड टॉपिक्स को हटाने की भी तैयारी है। इसके लिए गेट कमेटी ने आईआईटीए एनआईटी समेत अन्य प्रमुख संस्थानों के प्रोफेसर्स से फीडबैक मांगी है।