घरों से बाहर निकल, कोरोना को न दें न्योता

By: Mar 30th, 2020 12:02 am

सरकाघाट – कोरोना वायरस के चलते पिछले तीन दिनों से भूखे बेहाल प्रवासी मजदूरों  की ढाल बनकर एसडीएम सरकाघाट ने मिसाल पेश की है। इन प्रवासी मजदूरों को ठेकेदार द्वारा भूखे मरने के लिए छोड़ दिया था और यह मजदूर पैदल ही अपने घर पांवटा साहिब और कालाअंब जा रहे थे। सूचना मिलते ही एसडीएम सरकाघाट जफर इकबाल ने इन्हें सरकाघाट से करीब तीन किलोमीटर आगे बरच्छवाड़ में रोक  कर उनकी समस्याएं जानी । मजदूरों ने एसडीएम को अपना हाल सुनाया, जिसे लेकर एसडीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए न सिर्फ  इन मजदूरों के खाने-पीने की समस्या दूर की। बल्कि चार गाडि़यों से इन मजदूरों को वापस धर्मपुर के लोंगणी में भेज दिया है। दरअसल जल शक्ति विभाग के एक ठेकेदार द्वारा पांवटा साहिब और कालाअंब से मजदूरों को अपने यहां लौंगनी पंचायत के हुक्कल गांव में काम पर रखा था, परंतु इसी दौरान 22 मार्च को लॉकडाउन  हो गया और यह गरीब मजदूर अपने कमरों में ही कैद होकर रह गए। यहां तक कि मजदूर भूखे मर रहे थे। ठेकेदार को बार-बार फोन कर रहे थे। इसके बावजूद  ठेकेदार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा था और कर्फ्यू का हवाला देकर अपनी मजबूरी बताकर इनसे पल्ला झाड़ रहा था। मजबूरी बस इन मजदूरों ने सुबह पैदल ही अपने पैतृक घर पांवटा साहिब और कालाअंब जाने का प्लान बनाया और यह मजदूर करीब 22 किलोमीटर पैदल चलकर सरकाघाट की सीमा से बरछवाड़  गांव में पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी एसडीएम सरकाघाट को पहुंचा दी, जिस पर सूचना मिलते ही एसड़ीएम  सरकाघाट तुरंत वहां पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि यह मजदूर पैदल ही पांवटा साहिब के लिए रवाना हो रहे थे। उनके द्वारा पूछने पर इन मजदूरों ने रोते हुए बताया कि उनके पास खाने-पीने का कोई भी साधन नहीं है और जिस ठेकेदार के पास वह काम कर रहे थे। उसने उन्हें पैसे देने में भी आनाकानी कर दी। यही सोच कर वह अपने घर वापस जाना चाहते हैं। एसडीएम सरकाघाट जफर इकबाल ने इन मजदूरों को भरोसा दिलाया कि आपको प्रशासन के रहते खाने-पीने और अन्य खाद्य सामग्री की कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी। एसडीएम सरकाघाट की बात को मानते हुए मजदूर पैदल न जाकर अपने किराए के कमरों में लौटने पर राजी हो गए। एसडीएम सरकाघाट ने मौके पर ही विभिन्न विभागों की करीब चार गाडि़यां मंगवा कर इन मजदूरों को वापस धर्मपुर क्षेत्र के लौंगनी गांव, जहां पर यह रहे हैं। वहां पर भिजवा दिया। उनके फोन नंबर लेकर बकायदा राशन भी दिया गया है।

 


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