चंडीगढ़ में 10 फीसदी तक बढ़ेगा संपत्ति कर

26000 व्यावसायिक और 80 हजार आवासीय इमारतें आएंगी दायरे में, हर साल आठ करोड़ होगी कमाई

चंडीगढ़ –चंडीगढ़ में पानी की दरों के बाद अब  संपत्ति कर की दरें भी पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ने जा रही हैं। इस संबंध में निगमायुक्त के नेतृत्व में गठित कमेटी ने इस संबंध में मिली लोगों की आपत्तियों का निपटारा किया। उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने आगामी पहली अप्रैल से संपत्ति कर, आवासीय, व्यावसायिक संपत्ति कर लागू करने की ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की थी। निगम में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार शहर में 26 हजार व्यावसायिक व 80 हजार आवासीय इमारतें संपत्ति कर के दायरे में हैं। एक ओर जहां भाजपा पानी की दरें कम करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर संपत्ति कर की दरें बढ़ने से लोगों पर और बोझ पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि शहर में जब से संपत्ति कर, आवासीय व व्यावसायिक कर लगा है, उसे एक बार भी रिव्यू नहीं किया गया है। जबकि संपत्ति कर लगाने का जब एजंडा पारित किया गया था तो उसे हर वर्ष रिव्यू करने का प्रावधान भी उसमें रखा गया था। निगम सदन में एजेंडा पारित होने के बाद प्रशासन द्वारा जारी ड्राफ्ट अधिसूचना को  लोगों की आपत्तियों व सुझावों के लिए खोला गया व निगम को केवल तीन लोगों की ही आपत्तियां मिलीं। इनपर विचार करने के लिए निगमायुक्त केके यादव के नेतृत्व में गठित कमेटी की शनिवार को बैठक हुई। इस कमेटी में अतिरिक्त आयुक्त अनिल गर्ग, लॉ अधिकारी और सीईओ शामिल हैं। नगर निगम के संबंधित अधिकारी का कहना था कि बढ़ी हुई दरों से निगम को हर साल छह से आठ करोड़ रुपए की कमाई होगी।