डीएवी में ‘मौलिक कर्तव्यों’ पर विशेष व्याख्यान सत्र

चंडीगढ़ – मेहर चंद महाजन डीएवी कालेज फॉर वूमन में पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ सोशोलॉजी तथा लीगल लिट्रेसी सेल ने ‘भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों’ पर एक व्याख्यान सत्र का आयोजन किया। छात्राओं को मौलिक कर्तव्यों पर जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित इस व्याख्यान सत्र में महावीर सिंह, मेंबर सेक्रेटरी, स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एसएलएसए), चंडीगढ़, डा. नेहा अवस्थी, कौन्सेल, चंडीगढ़ प्रशासन और राजेश्वर सिंह, लॉ ऑफिसर, एसएलएसए, चंडीगढ़ ने छात्राओं से बातचीत की। भारतीय नागरिक संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों की अवधारणा का परिचय देते हुए महावीर सिंह ने प्रतिभागियों को उनके कर्तव्यों से अवगत कराया। डा. नेहा अवस्थी ने मौलिक अधिकारों, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों और प्रासंगिक उदाहरणों के माध्यम से मौलिक कर्तव्यों के बीच के संबंधों के बारे में छात्राओं को बताया। नागरिकों के देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद करतते हुए डा. अवस्थी ने छात्राओं को राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस दिन एक अन्य गतिविधि में कालेज की कौशल विकास समिति ने एक लेक्चर काम वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसका शीर्षक कंपेरिजन ऑफ ऑर्गेनिक वर्सेस कन्वेंशनल फार्मिंग प्रेक्टिसेज था। आईआईएसईआरए मोहाली के सहयोग से एक रिसर्च प्रोजेक्ट की शुरआत के रूप में आयोजित इस कार्यशाला में आरगेनिक फार्मर राहुल शर्मा और डा. महुआ घारा ने छात्राओं को अनुसंधान परियोजना से परिचित कराया, जिसका उद्देश्य जैविक और पारंपरिक कृषि प्रथाओं के प्रभाव से छात्राओं को जागरूक करना था। बीज अंकुरण प्रतिशत, अंकुर वृद्धि, अंकुरों की जैव विविधता, फसल पौधों पर पशुओं/कीड़ों की विविधता और व्यवहार, प्रतिशत फल सेट, फल ड्रॉप फल प्रतिधारण, फलों में पोषक तत्व, मिट्टी और पानी पर प्रभाव जैसे मापदंडों पर ध्यान आदि बातों को भी इस कार्यशाला के दौरान छात्राओं से साझा किया गया। कालेज की प्रिंसिपल डा. निशा भार्गव इन कार्यशालाओं के आयोजन पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन कक्षा से परे छात्राओं के समग्र विकास को सुनिश्चित करके उनके ज्ञान क्षितिज में वृद्धि करते हैं ।