निर्भया को इनसाफ

By: Mar 21st, 2020 12:07 am

सुबह साढ़े पांच बजे चारों दोषियों को दी गई फांसी

सात साल, तीन महीने, तीन दिन और चार डेथ वारंट के बाद आखिरकार आई इनसाफ की घड़ी

नई दिल्ली – देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय ठाकुर (31) और पवन गुप्ता (25) को शुक्रवार तड़के पांच बजकर 30 मिनट पर यहां तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चारों दोषियों को ठीक साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाया गया और करीब छह बजे यानी आधे घंटे बाद चारों को डाक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। जेल प्रशासन सूत्रों के अनुसार चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया और इसके लिए जेल नंबर-3 की फांसी कोठी में दो तख्तों पर चारों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। इनमें से एक का लीवर मेरठ से आए जल्लाद पवन ने खींचा तथा दूसरे लीवर को जेल स्टाफ ने खींचा। शुक्रवार तड़के साढ़े तीन बजे चारों को इनकी कोठरीसे जगाया गया, हालांकि चारों में से कोई भी सोया नहीं था। इसके बाद सुबह की जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनसे नहाने को कहा गया। इसके बाद इनके लिए चाय मंगाई गई, लेकिन किसी ने चाय नहीं पी। इसके बाद उनसे आखिरी इच्छा पूछी गई और फिर कोठरी से बाहर लाने से पहले चारों को काला कुर्ता-पायजामा पहनाया गया। फांसी के लिए ले जाते वक्त चारों दोषियों के चेहरे पर डर साफ  देखा जा सकता था। इस दौरान एक दोषी घबरा भी गया और वहीं फांसी घर में लेट गया। वह आगे नहीं जा रहा था। फिर फांसी घर में मौजूद लोग उसे जबरन आगे लेकर गए। इससे पहले दो दोषियों ने अपने हाथ बंधवाने से भी इनकार किया था। पुलिसवालों की मदद से उनके हाथ बांधे गए थे। आखिरकार साढ़े पांच बजे उन्हें फांसी पर लटका दिया गया। चारों दोषियों के शव दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए आठ बजे भेजे गए और उसके बाद सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। सात साल, तीन महीने, तीन दिन और चार डेथ वारंट के बाद आखिरकार बेटी को मिले इनसाफ के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि वह बहुत खुशी महसूस कर रही हैं क्योंकि उनकी बेटी को आखिरकार इनसाफ मिल गया। निर्भया की मां होने के नाते आज वह गर्व महसूस कर रही हैं। सात साल पहले जो घटना हुई, उससे लोग और देश शर्मसार हुआ था, लेकिन आज न्याय मिला है। निर्भया के पिता ने कहा कि देर से ही सही उनको न्याय मिला। उन्होंने एक पिता होने का कर्त्तव्य निभाया है। इनसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खाई हैं, लेकिन आखिरकार इनसाफ मिला। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निर्भया को मिले इनसाफ पर खुशी जताई। फांसी की खबर मिलते ही जेल के बाहर मौजूद लोगों ने तालियां बजाते और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए तथा मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। सुरक्षा के मद्देनजर जेल के बाहर इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। तिहाड़ जेल में पहली बार चार लोगों को एक साथ फांसी दी गई। उल्लेखनीय है कि दोषियों ने बचने की आखिरी पल तक कोशिश की। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की ओर से फांसी टलवाने के लिए दायर याचिका गुरुवार रात 12 बजे खारिज कर दी थी, जिसके बाद दोषियों के वकील ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसे शीर्ष अदालत ने भी खारिज कर दिया और उसके बाद तय समय पर फांसी दे दी गई। गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर सिंगापुर भी ले जाया गया था, लेकिन वह नहीं बच पाई थी।

मां की प्रतिक्रिया

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मैंने बेटी की तस्वीर को गले से लगाकर कहा कि आज तुम्हें इनसाफ मिल गया।

रात भर चला ड्रामा

रात 12 बजे:  हाई कोर्ट ने ठुकराई फांसी रोकने की याचिका

रात 02 बजे: दोषियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

तड़के 3ः30 बजे: सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों पर नहीं किया कोई रहम

सुबह 5ः30 बजे : चारों दोषियों को तिहाड़ में एक साथ फांसी पर लटकाया


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