पर्यटकों की एंट्री से कोरोना का खतरा

सिक्किम और अरुणाचल में 15 अप्रैल तक लगाई गई है सैलानियों पर पाबंदी

शिमला  – हिमाचल सरकार भले ही कोरोना पर पकड़ जमाने के लिए बेहतर प्रयास कर रही है, लेकिन पर्यटकों से प्रदेश में कोरोना का खतरा होने की संभावना जताई गई है। मामला हिमाचल साहित्य एवं संस्कृति मंच ने भी प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया है। मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट ने कहा है कि देश और प्रदेश से कई पर्यटक हिमाचल बेधड़क आ रहे हैं। हिमाचल में कोई मामला पॉजिटिव न आने के कारण पर्यटकों की नजर में हिमाचल सेफ स्टेट है। लिहाजा प्रदेश में पर्यटक ों का आना जारी है। पर्यावरण  मंच ने यह भी साफ किया कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में 15 अप्रैल तक पर्यटकों की आवाजाही बंद की गई है, लेकिन अभी भी प्रदेश में पर्यटकों के आने से कोरोना का खतरा बना हुआ है। हालांकि यह भी सामने है कि प्रदेश में यदि पर्यटकों का आना बंद किया गया, तो बड़े स्तर पर प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान हो सकता है, लेकिन अभी भी पर्यटक हिमाचल आने से घबरा नहीं रहे हैं। अब डब्ल्यूएचओ द्वारा भी इस बीमारी को सभी देशों के लिए बेहद सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के कई पड़ोसी राज्यों में कोरोना पॉजिटिव आ चुका है। फिलहाल यह भी देखा जा रहा है कि देश से प्रति दिन लाखों पर्यटकों की आवाजाही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अभी भी हो रही है, जो विभिन्न माध्यमों से सफर कर रहे हैं, वहीं ट्रेन के माध्यम से भी पर्यटक हिमाचल आ रहे हैं। प्रदेश में कई ऐसे टूरिस्ट क्षेत्र हैं, जहां पर पर्यटकों से इस वायरस के आने की आशंका बन सकती है, जिसे देखते हुए मंच का कहना है कि पर्यटकों की आवाजाही को प्रदेश में आने से कुछ समय के रोकने के लिए निर्देश दिए जाने चाहिए।

प्रदेश के लिए सुखद

प्रदेश में अभी कोई भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं आया है, जो कि प्रदेश के लिए सुखद है। सरकार ने ऐपेडेमिक एक्ट 1897 के तहत अधिनियम जारी किए हैं, जिसमें सभी सरकारी व निजी क्लिनिक के चिकित्सा अधिकरियों को ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 प्रभावित देशों की हाल ही में यात्रा कर भारत  आए हैं और खांसी, बुखार, जुकाम अथवा सांस लेने मे तकलीफ  जैसे लक्षणों के साथ चिकित्सीय परामर्श के लिए आते है, की सूचना संबधित जिला सर्विलांस यूनिट को देना अनिवार्य माना गया है।