प्रवासी कामगारों का पैदल पलायन जारी

बीबीएन – देशभर में लॉकडाउन के बाद से औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन से प्रवासी कामगारों और हिमाचलियों का पैदल पलायन लगातार जारी है। दरअसल कोरोना का आतंक, बेरोजगारी और भूख का भय इनके पैरों को घर गांव की ओर धकेल रहा है। बद्दी-बरोटीवाला व नालागढ़ से शनिवार तक जहां करीब एक लाख प्रवासी कामगार पलायन कर चुके हैं, वहीं करीब 30 हजार हिमाचली भी पैदल ही घरों की ओर रूख कर गए है। देश में कोरोना के दिनों दिन बढ़ते मामलों के बीच पैदल घर वापस क ा यह आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है, बीबीएन की सड़कों पर दिन रात बैग उठाए भूखे प्यासे हिमाचलियों और प्रवासी कामगारों की आवाजाही आम देखी जा सकती है। शनिवार को बद्दी नालागढ़ से सैकड़ो की तादाद में हिमाचली युवा पैदल ही जोंगिद्रनगर, कांगड़ा, हमीरपुर ,चंबा के लिए रूख करते दिखे इन लोगों को कई लोग समझाते भी दिखे लेकिन खौफजदा लोग घर जाने की जिद पर अड़े रहे। हैरानी की बात तो ये हैं कि ज्यादातर औद्योगिक कामगार बीबीएन से 500 से 600 किलोमीटर दूर रहते हैं। अब इन्हें भी पता है कि 400-500 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करना है।

संकट की घड़ी में परिवार के साथ रहना चाहते हैं

कोरोना लॉकडाउन की वजह से रोजगार का संकट गहराने लगा है और काम न मिलने की वजह से खाने-पीने की समस्या भी गहराने लगी है. ऐसे में अब मजदूर अपने राज्यों की तरफ लौट रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से यातायात की सुविधा नहीं मिल पा रही है इसलिए कई मजदूर को पैदल ही अपने गांव की ओर निकल चुके हैं ताकि इस संकट की घड़ी में वे अपने परिवार के साथ रह पाएं।

कोरोना से नहीं,भूख से डर रहा यह वर्ग

कोरोना वायरस से बचने के लिए भले ही केंद्र सरकार ने 21 दिनों के लिए देश को लॉकडाउन करने का फैसला किया हो, लेकिन इस लॉकडाउन के साइड इफेक्ट क्या होंगे इस बारे में ना केंद्र सरकार ने सोचा है ना ही राज्यों की सरकारों ने। लॉकडाउन के ऐलान के बाद सबसे ज्यादा अगर लोगों को डर है तो वो खुद की सुरक्षा को लेकर है। इस तबके को इतना डर कोरोना से नहीं जितना अब भूखे मरने से लग रहा है।ं

उपमंड़ल प्रशासन ने किए हैं पुख्ता इंतजाम

एसडीएम नालागढ़ एसपी बद्दी ने कोई प्रवासी कामगार ,हिमाचली या जरूरतमंद भूखा न रहे इसके लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ भोजन व रहने की व्यवस्था कर दी है लेकिन इसके बाबजूद औद्योगिक कर्मियों का पलायन जारी है।