फीस जमा कराने का वक्त बढ़ाए सरकार

By: Mar 26th, 2020 12:15 am

शिमला में छात्र-अभिभावक मंच ने बुलंद की आवाज, प्रदेश सरकार से मांगी राहत

शिमला – छात्र अभिभावक मंच ने राज्य सरकार से कोविड-19 के चलते हुए प्रदेशव्यापी लॉक डाउन व कर्फ्यू के मद्देनजर प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग उठाई है। राज्य मे यह तिथि 30 मार्च की निर्धारित तारीख थी, जिससे स्थिति के सामान्यीकरण तक बढ़ाया जाए। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सह संयोजक बिंदु जोशी व सदस्य फालमा चौहान ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हिमाचल प्रदेश में लॉक डाउन व कर्फ्यू घोषित कर रखा है, लेकिन प्राइवेट स्कूल किसी भी हालत में 30 मार्च से पहले फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं। यह मानवता व राष्ट्र हित के खिलाफ है। कोरोना जैसी महामारी के कारण आपातकालीन सेवाओं के अलावा सभी सेवाएं बंद हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूलों को इस दौरान भी पैसा व अपना मुनाफा ही याद आ रहा है। स्थिति इतनी भयावह है कि उच्चतम, उच्च व अन्य न्यायालय भी बंद कर दिए गए हैं। ट्रैफिक पूरी तरह जाम है। ज़्यादातर अभिभावक बच्चों के साथ अपने-अपने गांवों को निकल चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में भी प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस को 30 मार्च से पूर्व जमा करवाने का फरमान पूरी तरह सरकार के आदेशों की अवहेलना है। इस दौरान जब गाडि़यां ही नहीं चलेंगीं तो अभिभावक किस तरह बैंकों तक पहुंच कर यह फीस जमा करवाएंगे।

तानाशाही से बाज़ नहीं आ रहे प्राइवेट स्कूल

देश व प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है परंतु फिर भी प्राइवेट स्कूल अपनी तानाशाही से बाज़ नहीं आ रहे हैं। तत्काल फीस जमा करवाने की कोई आपातकालीन भी नज़र नहीं आती है। प्राइवेट स्कूलों की इस तानाशाही पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वैसे भी प्राइवेट स्कूल निदेशक उच्चतर शिक्षा द्वारा जारी पांच दिसंबर 2019-18 जनवरी तथा 12 मार्च 2020 के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं, जिसके अनुसार इस वर्ष फीस के निर्धारण से पहले सभी स्कूलों में मार्च के महीने में जनरल हाउस अनिवार्य किया गया था।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App