फीस निर्धारण और आरक्षण बिल पास

By: Mar 6th, 2020 12:02 am

पंजाब के मेडिकल शिक्षा मंत्री ओपी सोनी बोले, निजी विश्वविद्यालयों की मनमर्जी खत्म करने का क्रांतिकारी कदम

चंडीगढ़ – पंजाब विधानसभा द्वारा पंजाब प्राइवेट हैल्थ साइंसेज एजुकेशनल संस्थाएं (दाखिले के नियम, फीस निर्धारण और आरक्षण) संशोधन बिल, 2020 को पास करना निजी मेडिकल यूनिवर्सिटियों की मनमर्जी के दौर को खत्म करने की तरफ  एक क्रांतिकारी कदम है। यह खुलासा मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री पंजाब ओपी सोनी ने किया। उन्होंने बताया कि अब से सभी मेडिकल कालेजों और यूनिवर्सिटियों-डीम्ड यूनिवर्सिटियों समेत प्राइवेट मेडिकल संस्थाओं में दाखि़ला, फीस निर्धारण और आरक्षण राज्य सरकार की हिदायतों के अनुसार होगा। पंजाब प्राइवेट हैल्थ साइंसेज ऐजुकेशनल संस्थाएं  संशोधन एक्ट, 2006 में संशोधन के उद्देश्यों और कारणों का विवरण देते हुए मेडिकल शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब तक उक्त एक्ट पंजाब के निजी मेडिकल संस्थाओं में फीसों, दाखिलों और आरक्षण निर्धारण करने को नियंत्रित करता था। परंतु आदेश यूनिवर्सिटी ने इसके खि़लाफ  एक रिट्ट पटीशन दायर की थी। निष्कर्ष के तौर पर माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मई 2014 में अपने फैसले में कहा था कि आदेश यूनिवर्सिटी और अन्य प्राइवेट यूनिवर्सिटियां मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग पंजाब के एक्ट 2006 के अधीन नहीं आते जो सिर्फ निजी मेडिकल संस्थाओं पर लागू होता है न कि प्राइवेट यूनिवर्सिटियों पर।  श्री सोनी ने कहा कि विधानसभा से मंजूरी मिलने से अब सभी निजी स्वास्थ्य संस्थाओं-यूनिवर्सिटियों में दाखि़ले के नियम, फीस निर्धारण और आरक्षण के लिए एक समान कानून होगा जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा स्थापित और प्रशासित नहीं हैं और इसमें एक संस्था शामिल है, जिसमें किसी भी यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी या कॉलेज, चाहे सहायता प्राप्त या बिना सहायता प्राप्त, ग़ैर-अल्पसंख्यक या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों या ट्रस्ट या कोई अन्य निजी संस्थाएं एजेंसी या डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने की गतिविधि को चलाती है।

गजट में प्रकाशित होने की तारीख से होगा लागू

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि इससे फीस निर्धारण, सीटों के आरक्षण और दाखि़ले के मामलों संबंधी भ्रम दूर होगा और इस प्रक्रिया को सुचारू बनाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस संशोधित हुए एक्ट को पंजाब प्राइवेट हैल्थ साइंसेज़ एजुकेशनल संस्थाएं दाखि़ले के नियम, फीस निर्धारण और आरक्षण संशोधन एक्ट 2020 के तौर पर जाना जाएगा और यह सरकारी गज़ट में प्रकाशित होने की तारीख़ से लागू होगा। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्वास्थ्य विज्ञान शैक्षिक संस्थाएं ओपन मेरिट कैटेगरी और मैनेजमेंट कैटागरी में दाखि़ले के लिए सामाजिक और शैक्षिक तौर पर पिछड़े वर्ग के नागरिकों की तरक्की के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित रखी जाएंगी, जिनको सरकारी गज़ट में समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा नोटिफाई किया जाएगा, परंतु यह आरक्षण अल्पसंख्यक निजी स्वास्थ्य विज्ञान शैक्षिक संस्थाओं में अल्पसंख्यक श्रेणी की सीटों पर लागू नहीं होता।


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