फूलों की महक पर कोरोना का कहर

By: Mar 29th, 2020 12:04 am

लॉकडाउन-नॉन ट्रांसपोर्टेशन से पुष्पोत्पादन पर रोजाना लग रही लाखों की चपत

पालमपुर-केरोना के कहर से आम जनमानस त्रस्त है, तो इसका असर प्रदेश के फूल उद्योग पर भी दिखने लगा है। प्रदेश में फूलों का सालाना कारोबार करीब एक करोड़ रुपए के आसपास है और विभिन्न जिलों में काफी लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। कोविड-19 के चलते जारी लॉकडाउन और कर्फ्यू की मार से फूलों को स्थानीय बाजारों के साथ बाहर की मंडियों में भेजा जाना बंद हो चुका है। इससे पालमपुर क्षेत्र के ही फूल के सथ मशरूम उत्पादकों को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है। स्थानीय बाजारों से ग्लैड, लिलियम व अन्य प्रजातियों के फूलों की शानदार उपज के कारण प्रदेश में फूलों की मांग की भरपाई करने के साथ प्रदेश्र के फूल दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना के बाजारों तक भेजे जाते हैं। प्रदेश में करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में व्यवसायिक पुष्पोत्पादन किया जाता है। व्यवसायिक पुष्प उत्पादन का कार्य मुख्यतः सिरमौर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, शिमला, चंबा, बिलासपुर, ऊना, तथा कुल्लू जिलों में किया जा रहा है। प्रदेश में मुख्यतः ग्लेडियोलस, कारनेशन, गैंदा, लिलियम, गुलदाउदी जरबेरा, गुलाब तथा अन्य मौसमी फूलों की खेती की जा रही है। पांच सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में क्राइसेंथेमम और मैरी गोल्ड की खेती की जा रही है। वहीं ग्लैड फूलों की खेती सौ हेक्टेयर से अधिक रकबे में की जा रही है। जिला सिरमौर के बाद जिला कांगड़ा, सोलन, बिलासपुर और चंबा व अन्य जिलों में भी लोग फूल उत्पादन की ओर आकर्षित हुए हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App