बच्चों की बेहतर परवरिश

By: Mar 28th, 2020 12:20 am

हर कोई चाहता है कि उसके बच्चे सबसे अच्छे हों, हर जगह उनका नाम हो, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब आप उनमें ऐसे गुण पैदा करेंगे। यह तो सभी जानते हैं कि बच्चे माता-पिता का ही प्रतिनिधित्व करते हैं और बच्चों की बेहतर परवरिश उनके बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करती है। बच्चों की परवरिश के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप उनका बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

स्वयं को बदलें- बच्चों को अच्छे संस्कार या उनसे किसी भी तरह की उम्मीद करने से पहले अपनी बुरी आदतों को बदलें यानी जो आप बच्चों से चाहते हैं, पहले उसे स्वयं करके दिखाएं। क्योंकि बच्चा वही करता है, जो अपने आसपास देखता है। इसके लिए किताबों के साथ कुछ समय गुजारना, देर रात तक टीवी न देखना, चीजों को सही जगह पर रखना, बच्चों के समाने कभी भी झगड़ा न करना आदि जैसी कुछ अच्छी आदतों को खुद में विकसित करना होगा।

सच्चा प्यार दें- अकसर लोग समझते हैं कि अपने बच्चों को प्यार करने का मतलब, उनकी हर मांग पूरी करना है, अगर आप उनकी हर डिमांड को पूरा करते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी बेवकूफी है। अपने बच्चे को वही दें, जो उसके लिए सही और जरूरी है।

जिद करने पर प्यार से समझाएं- बच्चों के नखरे दिखाने या किसी चीज के लिए जिद करने पर आमतौर पर आप उन्हें डांटने-फटकारने लगते हैं, लेकिन इसका असर बच्चों पर उल्टा पड़ता है। ऐसे में आपके जोर से चिल्लाने से बच्चा भी तेज आवाज में रोने व चीखने लगता है। इसलिए इस स्थिति में अपने बच्चों को शांत तरीके से समझाएं कि वह जो कर रहा है, वो गलत है।

परवरिश में अनुशासन है जरूरी- अनुशासन के बिना परवरिश अधूरी होती है, लेकिन बच्चों को अनुशासित करने का मतलब बच्चों को डराना नहीं है। आपको अनुशासन और डर में अंतर पता होना चाहिए। कई पेरेंट्स बच्चों को अनुशासित करने के लिए उन्हें मारते हैं, लेकिन यह सही नहीं है।

बातचीत बहुत जरूरी है- बच्चों के साथ किसी भी विषय पर खुलकर बात करें। उनके साथ हर खुशी और दुख को बांटें। ऐसा करने से बच्चे आपको और घर की परिस्थितियों को समझने लगेंगे और साथ ही आपके करीब रहेंगे।

बच्चों को समय दें- आजकल ज्यादातर माता-पिता वर्किंग होने के कारण अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। इसलिए अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करें।

बच्चों से दोस्ती करें– अपने बच्चों पर खुद को थोपना छोड़ दें। उनके लीडर बनकर उन पर हुक्म चलाने की बजाय उनके अच्छे दोस्त बन जाएं। ऐसा करने से बच्चे आप से बेझिझक होकर अपनी सारी बात कर सकेंगे।

इच्छाओं को थोपें नहीं- अपनी इच्छाओं को बच्चों पर थोपे नहीं, बल्कि वह जो बनना चाहते हैं, उनको बनने दें। जरूरी नहीं कि आपने अपनी जिंदगी में जो किया, आपका बच्चा भी वहीं करे, बल्कि अपने बच्चे को ऐसा कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसके बारे में सोचने की हिम्मत आपने जिंदगी में न की हो।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App