बजट पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

कर्ज, मंडी हवाई अड्डे, विदेशी फंडिंग और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट पर उठाए सवाल

शिमला – मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए बजट पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार को खूब घेरा। मुकेश ने बजट भाषण में कर्ज का जिक्र न कर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, तो वहीं मंडी में हवाई अड्डे के निर्माण को केंद्र से पैसा न ला पाने में विफल करार दिया। उन्होंने बाह्य वित्त पोषित स्कीमों  के पूरा नहीं होने के कई खुलासे किए और राज्य में दवाओं की खरीद में घोटाले की आशंका जताई। उन्होंने यस बैंक में सरकारी पैसे को डालने पर भी कई सवाल उठाए। सदन में बजट पर चर्चा शुरू  करते हुए  मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के ऐसे सबसे महंगे मुख्यमंत्री होंगे, जो सबसे अधिक कर्जा लेंगे। सरकार ने तय सीमा से अधिक का कर्ज ले लिया है, जिसका जिक्र बजट भाषण में नहीं किया। प्रदेश पर 2020-21 में  61302 करोड़ रुपए तक का कर्जा पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10330 करोड़ रुपए की राशि बाह्य वित्तीय एजेंसियों से लाने की बात कही थी, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ा। गैप फंडिंग के लिए फर्जी सोर्स दिखा रहे हैं। विकास दर घटी है, जिसके लिए सरकार को लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्जा बढ़ा और विकास गिरा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यस बैंक को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि किसी के दबाव में आकर सरकारी पैसा इसमें डाला गया, जबकि एक साल पहले से पता था कि यस बैंक डूब रहा है। कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक का 150 करोड़ इसमें डला है, वहीं स्मार्ट सिटी के 179 करोड़ रुपए किसने यस बैंक में डाले, सरकार इसका जवाब दे। उन्होंने पूछा कि और किन-किन विभागों का पैसा इसमें है, यह बताया जाना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने 15वें वित्तायोग से कर्ज माफी मांगी थी, वहीं मंडी के हवाई अड्डे को पैसा मांगा, लेकिन वह इनको नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पीएम तीन दफा यहां आए, लेकिन प्रदेश को कुछ नहीं दिया। पर्यटन प्रोजेक्टों पर सरकार को घेरते हुए मुकेश ने कहा कि एडीबी प्रोजेक्ट में सरकार 70 करोड़ रुपए सरेंडर कर चुकी है।

उद्योगों का पलायन रोके जयराम सरकार

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में 50 हजार करोड़ का औद्योगिक निवेश है और 31 मार्च को एक्साइज का पैकेज भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे में सरकार को वर्तमान उद्योगों के पलायन को रोकना चाहिए, जबकि वह इन्वेस्टर मीट में लगी है जिससे अभी तक कुछ नहीं आया। उन्होंने कहा कि चूल्हे व मिक्सी बनाने वाली फैक्टरियां चली गई हैं, जिससे आठ हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं। 97 हजार करोड़ के एमओयू ढकोसला है। उनका आरोप था कि सरकार ने बद्दी ट्रेड सेंटर, जो कि 15 करोड़ से बना था, को पौने दो लाख में किसी कंपनी को दे दिया है।