भूखे मरने की नौबत

By: Mar 30th, 2020 12:05 am

गगरेट  – भाई अगर लुधियाना में खाने-पीने की पुख्ता व्यवस्था होती और उद्योग मालिक कुछ पैसे दे देता तो यूं पुलिस के डंडे खाते हुए पैदल घरों का रुख नहीं करते। वहां तो उद्योग मालिक खुद कह रहे हैं कि हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है और जो घरों को जाना चाहते हैं जा सकते हैं। अगर पुलिस के पास जाएं तो पुलिस भी अपने घरों को जाने की सलाह दे रही है। ये दुखद संवाद लुधियाना से कागड़ा के लिए पैदल ही जा रहे संदीप का है। लॉकडाउन के बीच न तो प्रधानमंत्री की अपील का असर हो रहा है और न ही मानवीय संवेदनाएं जाग रही हैं। जब भूखे मरने की नौबत आ रही है तो ही पंजाब से हजारों की तादाद में पलायन कर प्रदेश के लोग अपने घरों की और दौड़ रहे हैं। कांगड़ा के संदीप ने बताया कि वह लुधियाना के नामी साइकिल उद्योग में काम करता है। जब पंजाब में लॉकडाउन घोषित हुआ तो उन्हें पता नहीं था कि हालात इतने बदतर हो जाएंगे कि उन्हें भोजन के लिए भी तरसना पड़ेगा। हालात जब बेकाबू हुए तो उद्योग के मालिक ने न तो बाइस दिन का वेतन किसी कामगार को दिया और न ही भोजन की कोई व्यवस्था की। उलटा यही सलाह दी कि यहां भूखे मरने से तो अच्छा है कि अपने घरों को चले जाओ। पहले तो डर लगा कि पुलिस पकड़ कर अंदर न डाल दे लेकिन जब हिम्मत करके पुलिस वालों से बात की तो उन्होंने भी उन्हें यही सलाह दी। यहीं वजह है कि पंजाब में रोजगार की तलाश में गए हजारों लोग अपने घरों में पहुंचने के लिए पैदल ही सड़कों पर उतर आए हैं। अब सरकारों द्वारा दावे तो यही किए जा रहे हैं कि सभी लोगों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है लेकिन पंजाब से वापिस आ रहे लोग कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। अगर पंजाब सरकार ने जरा संवेदना दिखाई होती तो लॉकडाउन की यूं धज्जियां नहीं उड़ती और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले कई दिनों से तैयार किया जा रहा सुरक्षा चक्र यूं तार-तार न होता।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App