महिलाओं को बस में 50 फीसदी छूट

By: Mar 5th, 2020 12:03 am

सीएम अमरेंदर सदन में बोले, अगले दो सालों में 52 सीटर बसों के लिए 2000 रूट परमिट होंगे जारी

चंडीगढ़  – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने ट्रांसपोर्ट कारोबार में एकाधिकार और अनुचित मुनाफाखोरी को रोकने और राज्य में  रेत माफिया के मुकम्मल खात्मे के लिए जल्द ही नई माइनिंग नीति लाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने सरकारी और पीआरटीसी की बसों में सफऱ करने वाली औरतों को किराए में 50 प्रतिशत छूट देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले दो सालों में मिनी बसों के लिए पांच हजार नए रूट परमिट जारी किऐ जाएंगे, जिससे राज्य के बेरोजगार नौजवानों को लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि अगले दो सालों में 52 सीटों वाली बसों के लिए 2000 और रूट पर्मिट दिए जाएंगे। राज्य की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के मुद्दे पर कहा कि इस समय पर मामला अदालती कार्यवाही अधीन है, परंतु जब भी मसला हल हुआ, अदालत की हिदायतों के मुताबिक अपेक्षित कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सदन को भरोसा दिया कि कोई भी ट्रांसपोर्ट परमिट ग़ैर कानूनी पाया गया, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 142 पर्मिटों के लिए कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं जिनको कानून के मुताबिक जांचा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग के बाकी 212 परमिटों के लिए भी 15 दिवसीय कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया जारी है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एकाधिकार को ख़त्म करने के लिए उनकी सरकार पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है, जबकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने अपने लाभ के लिए इसको प्रोत्साहन दिया था। इच्छुक वृद्धि की प्रक्रिया को ख़त्म करके सेवामुक्ति की उम्र घटाने संबंधी सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि इससे खाली होने वाले सभी पद अगले दो सालों में भरे जाएंगे।

एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को निर्माण कार्याें की जिम्मेदारी

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को सुखना झील के साथ लगते इलाके में निर्माणों के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा जारी किए हुक्मों को जांचने के लिए कहा है। बुधवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने फैसले की कॉपी बुधवार को ही प्राप्त की है और एडवोकेट जनरल द्वारा इसको जांच कर अपनी सिफारिशें दी जाएंगी। कैप्टन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले के हल के लिए वैधानिक या न्यायिक स्तर पर फैसला लेगी।  वह लोगों के साथ हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। जिक्रयोग है की चंडीगढ़ की सुखना झील को कानूनी तौर पर मान्यता देते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इसके साथ लगते इलाके में सभी अनाधिकृत ढांचों को तीन महीने में ढाहने के हुक्म देते हुए दोनों राज्यों पर जुर्माना भी लगाया है।


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