सड़कों को 49 लाख, खर्च 10 लाख

शिमला ग्रामीण में सड़कों के हाल,राशि स्वीकृत कर खर्च करना भूली सरकार

शिमला – शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की दुर्दशा का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि यहां पर दो साल में सरकार ने 10 नई सड़कों की मंजूरी तो दी मगर इन पर काम करवाना भूल गई। ऐसा किसलिए किया गया यह तो कहा नहीं जा सकता मगर सच्चाई यह है कि इन सड़कों पर काम नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार कनोरी से शापडि़या व शमयाड़ी सड़क को पांच लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है, लेकिन इस पर काम नहीं किया गया है। दो साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक काम करने की जहमत नहीं उठाई जा सकी है। इसी तरह से बशोल फ्रेत से कटयोग शाच रामनगर सड़क के लिए तीन लाख रुपए की राशि मंजूर है वहीं, महापुना से धरटुधार सड़क के लिए पांच लाख रुपए मंजूर हैं मगर इन दोनों सड़कों पर भी लोक निर्माण विभाग अभी तक काम नहीं कर पाया है। घैणी से दयाला दवाग सड़क को 10 लाख रुपए की राशि मंजूर है वहीं गलू से पलगाड़ हिमरी सड़क को 10 लाख रुपए, पंदोओ मंदिर के लिए लिंक रोड को तीन लाख रुपए, धनपड रोपडू पोवारी अयोग धरोगडा पंचायत के लिए तीन लाख रुपए की राशि मंजूर हुई है जिस पर भी आज दिन तक पैसा खर्च नहीं किया गया है। जिन दो कार्यों के लिए पैसा दिया गया है उनमें बडमैन से बसंतपुर मार्ग को पांच लाख रुपए मंजूर थे, जिसे जारी किया गया वहीं, सुन्नी अस्पताल मार्ग की विशेष रिपेयर के लिए पांच लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है जिस पर पैसा खर्च किया गया। कुल 49 लाख रुपए यहां उपरोक्त सड़कों के लिए सरकार से मंजूर थे, जिसमें से मात्र 10 लाख रुपए की राशि ही खर्च की जा सकी है। इसमें सात लाख रुपए देवीधार से भराडू सड़क के लिए भी थे। बता दें कि शिमला ग्रामीण विस क्षेत्र में पहले से यह आरोप लग रहे हैं कि सरकार भेदभाव कर रही है। यहां पर करीब 65 करोड रुपए की राशि के सरकारी भवन बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनका शिलान्यास भी सरकार ने नहीं किया है। ऐसे में इन सड़कों के निर्माण को भी तरजीह नहीं देने से सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है।