सभी राज्यों-जिलों की सीमाएं सील
कोरोना से बचाव को लेकर लॉकडाउन के बाद पलायन को लेकर केंद्र सरकार के सख्त कदम
नई दिल्ली – लॉकडाउन के बाद पलायन की स्थिति पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन का पालन करवाना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और एसपी की जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार की तरफ से आदेश दिया गया है कि सभी राज्यों और जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएं और बाहर से आने वाले लोगों को सीमाओं पर ही कैंपों में रखा जाए। इन लोगों को सीमाओं पर ही 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाए और राज्य अपनी तरफ से इन लोगों के खाने-पीने का इंतजाम करें। साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि दूसरे राज्यों के मजदूरों के रहने का इंतजाम किया जाए और उनको समय से पैसे भी पेमेंट भी दिए जाएं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आदेश नहीं मानने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन (अलग-थलग) रखा जाएगा। राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान राजमार्गों या शहरों में लोगों की आवाजाही नहीं हो। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा गया है। जरूरतमंद लोगों, दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे। इन निर्देशों का पालन कराने के लिए डीएम, एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो, क्योंकि लॉकडाउन जारी है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी कामगारों की आवाजाही हो रही है। निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्यों और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करना चाहिए। राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शहरों में या राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही नहीं हो। केवल सामान को लाने-ले जाने की अनुमति होनी चाहिए। अधिकारी ने बताया कि इन निर्देशों का पालन करवाने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की निजी तौर पर जिम्मेदारी बनती है। केंद्र सरकार ने कहा है कि शहरों से लोगों को हाइवे पर आने से रोका जाए। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन का फैसला किया, लेकिन शहरों से लोगों के पलायन के चलते यह लॉकडाउन फेल होता दिखा। शनिवार से दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भारी भीड़ देखी गई। वहीं, कई लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकल पड़े। इस पर सियासी गलियारे में भी जुबानी जंग देखने को मिली। बिहार सरकार ने पहले ही कह दिया है कि बाहर से आने वाले लोगों को सीमा पर ही रोका जाएगा और वहीं रुकने की सुविधाएं दी जाएंगी। केंद्र सरकार ने कहा है कि लोग हाई-वे पर न निकलें और जहां हैं, वहीं रहें। सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया जाए। दरअसल अगर यह खतरनाक वायरस गांवों तक पहुंचता है, तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।
अब ये बड़े आदेश, डीसी एसपी को करवाने होंगे लागू
लॉकडाउन तोड़ने वालों को दो हफ्तों तक अलग-थलग रखें स्टेट और डिस्ट्रिक्ट बार्डर पर पहुंचे लोगों के लिए वहीं बनाएं कैंपजरूरतमंद लोगों, मजदूरों के लिए खाना, ठिकाना और पैसे का करें इंतजाम हाई-वे पर कोई व्यक्ति न पैदल चले; न गाड़ी में, सिर्फ सामान लाने की परमिशन
दुनिया भर में बुरे हाल इन देशों पर ज्यादा मार
देश संक्रमित मौत
अमरीका 123828 2229
इटली 92472 10023
चीन 81439 3300
स्पेन 78797 5562
जर्मनी 58247 0455
ईरान 38309 2640
फ्रांस 37575 2314
ब्रिटेन 19522 1228
स्विट्जरलैंड14593 0290
नीदरलैंड 10866 0771
देश में एक हजार से ज्यादा मामले
नई दिल्ली। देश में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमण के कुल मामले रविवार तक एक हजार के पार पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक देश में खबर लिखे जाने तक कोरोना के 1109 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इस दौरान 29 मौतें होने की भी जानकारी है। वहीं, महाराष्ट्र में 203, केरल में 202, कर्नाटक में 75, उत्तर प्रदेश में 69 और तेलंगाना में 67 मामले आने की सूचना है। है। इसके अलावा एक और बड़ी खबर रविवार को यह रही कि कोलकाता के आर्मी कमांड हॉस्पिटल में एक कर्नल रैंक के डाक्टर का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है।
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