स्वास्थ्य मंत्रालय का राज्यों को निर्देश-कोरोना मरीजों के लिए बनाएं अलग अस्पताल

कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोशिश जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि सभी राज्यों से मरीजों के लिए बेड बढ़ाने को कहा गया है. साथ ही कोरोना मरीजों के लिए अलग से अस्पताल बनाने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए हैं जबकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए विदेश से उपकरण मंगाए गए हैं.  स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया कि सरकार कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के जरिये पिछले 5 दिनों में आवश्यक वस्तुओं मसलन अनाज, चीनी, नमक, कोयला, पेट्रोलियम आदि ले जाने वाले 1.25 लाख वैगन का संचालन किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 10 स्पेशल टीम बनाई गई हैं. कोरोना वायरस को लेकर स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से बात करके को मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि हम विदेशों से भी वेंटिलेटर और मास्क लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. देश के अंदर और देश के बाहर दोनों स्तर पर कोशिश शुरू कर दी गई है. लव अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट सचिव ने आज भी लॉकडाउन की को देखते हुए बैठक की है और जरूरी निर्देश जारी किए हैं. आज की बैठक में यह फैसला हुआ है कि जिन राज्यों में भी केस आए हैं उन 75 जिलों में सारी सर्विस रोक दी जाए. रेल, मेट्रो रेल और राज्यों के बीच ट्रांसपोर्ट को 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. अलग-अलग सचिवों के 10 एंपावर्ड ग्रुप बनाए गए हैं जो कोविड-19 की महामारी से निपटने के लिए उपाय कर रहे हैं. वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के आर. गंगा केतकर ने बताया कि अभी तक हमने कोरोना वायरस के 34,931 टेस्ट किए हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च नेटवर्क अपनी क्षमता का लगभग 30% इसी संदर्भ में कर रहा है. हमने कुछ प्रयोगशालाओं में वृद्धि की है. अभी 113 लैब्स काम कर रहे हैं. इसके अलावा 47 निजी लैब्स को मंजूरी दी गई है.