16.50 लाख में बिकी 22 कनाल भूमि

लोगों को मुआवजा न देने पर कोर्ट ने नीलाम की रेलवे की जमीन

ऊना – ऊना जिला के गांव त्यूड़ी में भारतीय रेलवे की संपत्ति नीलामी का दूसरा चरण तहसीलदार ऊना विजय राय की अध्यक्षता में बुधवार को पूरा हुआ। इस चरण में गांव में स्थित रेलवे की 22 कनाल भूमि साढे़ 16 लाख रुपए में नीलाम हुई, जिसे हरिमोहन शर्मा ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर खरीद लिया। बुधवार को हुई नीलामी प्रक्रिया में एक दर्जन के करीब बोलीदाताओं ने भाग लिया, जबकि जमीन की शुरुआती बोली दस लाख रुपए से शुरू हुई थी, जो कि 16 लाख 50 हजार तक गई। तहसीलदार ऊना विजय राय ने बताया कि नीलामी की दो चरणों की प्रक्रिया पूरी हुई है, जिसमें अभी तक 44 कनाल भूमि की नीलामी करीब 29.50 लाख में हुई है, जिसका पूरा ब्यौरा बनाकर उच्चाधिकारियों के माध्यम से अदालत को भेजा गया है। अगर अदालत को लगता है कि भूमि की जो बोली लगी है, वह कम है, तो इसे खारिज किया जा सकता है, जिसके बाद कोर्ट के आदेशों के अनुसार आगामी विकल्प अपनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कोर्ट से त्यूड़ी गांव में रेलवे विभाग की 88 कनाल भूमि को नीलाम करने के आदेश मिल थे। पहले दो चरणों में 44 कनाल भूमि को अभी तक नीलाम किया गया है। पहले चरण में 22 कनाल भूमि पांच मार्च को करीब 13 लाख में नीलाम हुई थी, जबकि दूसरे चरण में 11 मार्च को भी 22 कनाल भूमि 16.50 लाख में नीलाम हुई है। बाकी बची 44 कनाल भूमि को भी दो चरणों में कोर्ट के आदेशों के बाद नीलाम किया जाएगा। बताते चलें कि सालों पहले भारतीय रेलवे ने ऊना जिला के विभिन्न गांवों के लोगों की कई कनाल भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन रेलवे ने उन प्रभावित लोगों को आज तक मुआवजा नहीं दिया। मुआवजा राशि पाने के लिए लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसका निर्णय लोगों के पक्ष में आया। रेलवे ने निचली अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, उच्च न्यायालय ने भी इसी निर्णय को बरकरार रखा। साथ ही अदालत ने राजस्व विभाग को आदेश दिए कि रेलवे की संपत्ति को नीलाम करके प्रभावितों को मुआवजा राशि दी जाए।