कोरोना के कहर से खेतों में मुरझाए फूल

By: Apr 10th, 2020 12:22 am

लॉकडाउन के चलते प्रदेश में फूलों की खेती पर मंडराया संकट, करोड़ों का हुआ नुकसान

सोलन-कोविड-19 के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन के बीच फूलों की खेती पूरी तरह से उजड़ने की कगार पर है। आलम यह है कि लॉकडाउन के चलते करोड़ों रुपए के फूलों पर कोरोना का काला साया मंडरा रहा है। बता दें कि सोलन जिला के चायल क्षेत्र का महोग गांव फूलों की खेती के लिए एशिया में नंबर एक स्थान पर है। यहां के फूलों की महक न केवल भारत के विभिन्न राज्यों, बल्कि विदेशों में भी खुशबू बिखेरती है। चिंता का विषय यह है कि इन फूलों की खुशबू अब केवल खेतों में बनाए गए शैड तक ही सीमित रह गई है। चायल क्षेत्र का महोग, काथला, शकोग, कोहला और झाझा ऐसे गांव हैं, जहां के किसान सौ प्रतिशत फूलों की खेती पर निर्भर हैं। इनमें अधिकतर किसान ऐसे भी हैं, जिनकी फूलों से लाखों रुपए की आमदनी होती है, लेकिन कोरोना के साए के चलते किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार मार्च माह से फूलों का सीजन आरंभ होता है और गर्मी के मौसम में ही यह सीजन चलता है। इन दिनों किसानों द्वारा अपने खेतों में कारनेशन वैरायटी के फूल लगाए हुए हैं। ये फूल तैयार हो चुके हैं, लेकिन सब कुछ बंद होने के कारण किसान इन फूलों को खेतों से बाहर लेकर जाने में असमर्थ हैं। यहां तक कि अब किसान इन फूलों को पशुओं के लिए चारा बनाने को मजबूर हैं। बता दें कि फूलों की सबसे ज्यादा डिमांड शादी-ब्याह व होटलों में होती है। यद्यपि कोरोना के चलते सब कुछ बंद होने के कारण फूलों की बिलकुल भी डिमांड नहीं है।

 

हिमाचल में नहीं फूलों की मार्केट

 

किसानों के लिए सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि हिमाचल में फूलों की बिक्त्री न के बराबर होती है और न यहां इसकी खरीददारी के लिए कोई मार्केट है। यही नहीं, हिमाचल के अलावा पंजाब और हरियाणा राज्यों में भी फूलों की बिक्री नहीं होती है। इसकी सबसे बड़ी मार्केट देश की राजधानी दिल्ली में हैं और वहां से देश के कोने-कोने तक फूलों की खेप पहुंचाई जाती है।


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